गलत इंजेक्शन लगाने के आरोप में उन्नाव जिला अस्पताल के डॉक्टर को पीटा   

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गलत इंजेक्शन लगाने के आरोप में उन्नाव जिला अस्पताल के डॉक्टर को पीटा   उन्नाव के जिला अस्पताल 

जिला अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाने से दो महिलाओं की मौत पर तीमारदारों ने जमकर हंगामा काटा। इमरजेंसी वार्ड में तीमारदारों ने डॉक्टर की पिटाई कर दी। बचाव में डॉक्टर ने खुद को दूसरे कमरे में बंद कर लिया। बवाल की सूचना पर एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट व कोतवाली पुलिस ने तीमारदारों को शांत कराया। इस दौरान पूरे मामले की जांच कराने का आश्वासन देकर शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। डीएम ने पूरे मामले की जांच एसडीएम सदर को सौंपी है।

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सदर कोतवाली के शिवनगर निवासी निर्मला (52 वर्ष) पत्नी कमलेश को सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजनों ने रविवार रात जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था। रात 12 बजे के बाद निर्मला की तबियत बिगडऩे लगी। इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ. दिनेश कुमार ने रात दो बजे निर्मला को दर्द का इंजेक्शन लगा दिया।

निर्मला के बेटे अवधेश का आरोप है कि इंजेक्शन लगाते ही मां की तबियत बिगड़ गई और कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। निर्मला की मौत के आधे घंटे बाद ही इमरजेंसी वार्ड में सदर कोतवाली क्षेत्र के नैकानीखेड़ा निवासी बिलाशा (90 वर्ष) पत्नी अशर्फीलाल ने भी दम तोड़ दिया। आधे घंटे के अंतराल में निर्मला और बिलाशा की मौत पर तीमारदारों ने डॉक्टर दिनेश पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। वार्ड में मौजूद स्टाफ ने जब विरोध किया तो मामले ने तूल पकड़ लिया।

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इस बीच कुछ लोगों ने डा. दिनेश के साथ मारपीट शुरू कर दी। तीमारदारों द्वारा मारपीट करने पर डा. सुरेश ने भागकर खुद को स्टाफ रूम में बंद कर लिया। डाक्टर के वार्ड से भागते ही तीमारदारों ने अन्य स्टाफ को इमरजेंसी वार्ड में बंद कर दिया। इस दौरान मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने हंगामा कर रहे तीमारदारों को शांत कराने की कोशिश की। हालांकि मामला संभलता न देख उन्होंने आलाअधिकारियों को सूचना दी। सूचना पर सुबह पांच बजे सिटी मजिस्ट्रेट रामप्रसाद, एसडीएम सदर मेधा रूपम, सीओ सिटी स्वतंत्र देव मौके पर पहुंचे। यहां उन्होंने तीमारदारों को शांत कराया और डा. दिनेश को किसी तरह कमरे से बाहर निकाला। इस दौरान तीमारदारों को पूरे मामले की जांच कराने का आश्वासन देने के साथ ही शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आश्वासन पर परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर घर चले गए। डीएम रवि कुमार एनजी ने एसडीएम सदर मेधा रूपम को पूरे मामले की जांच सौंप दी है।



सेप्टीसीमिया से पीडि़त थी महिलाएं

इमरजेंसी वार्ड में दो महिलाओं की मौत पर प्रशासन ने सोमवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के आदेश दे दिए थे। असोहा के ओगरापुर में तैनात डा. अरुण कुमार ने पोस्टमार्टम किया। दोनों ही महिलाएं सेप्टीसीमिया (फेफड़ों में संक्रमण की बीमारी) से पीडि़त थी। मृतक निर्मला के फेफड़ों में पस व लीवर में संक्रमण मिला है। जबकि बिलाशा के फेफड़े भी संक्रमित मिले। आगे की जांच के लिए बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है।

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