उन्नाव: गैंग रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेगर का भाई गिरफ्तार

Mohit AsthanaMohit Asthana   10 April 2018 9:33 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
उन्नाव: गैंग रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेगर का भाई गिरफ्तारविधायक कुलदीप सिंह सेंगर का भाई अतुल सिंह सेंगर गिरफ्तार कर लिया गया है।

उन्नाव गैंगरेप मामले में बांगरमऊ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का भाई अतुल सिंह सेंगर गिरफ्तार कर लिया गया है। डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर लखनऊ क्राइम ब्रांच की टीम नेअतुल सिंह और उसके गुर्गों को गिरफ्तार किया है।

सीएम आवास के सामने खुदकुशी की कोशिश करने वाली गैंगरेप पीड़िता के पिता की जेल में संदिग्ध हालात में मौत के बाद सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए थे। मीडिया लगातार इस खबर पर नजर बनाए हुए थी। हालांकि शाम को विधायक कुलदीप सेंगर अपनी सफाई देने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गए थे लेकिन मुख्यमंत्री ने बिना मिले ही उन्हें वापस कर दिया। ये बात खुद बीजेपी विधायक ने भी कबूली है। इस पूरे मामले में विधायक ने खुद को बेकसूर बताया है।

वहीं दूसरी तरफ पीड़ित परिवार ने आरोपी विधायक को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि 'बेटी बचाओ, खुद मारे जाओ' और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर कहा है कि मामले की सर्वोच्च और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

ये भी पढ़ें- उन्नाव गैंगरेप: पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत, 6 पुलिसकर्मी निलंबित

ये है कुलदीप सेंगर का राजनीतिक इतिहास

कुलदीप सिंह सेंगर ने सियासत की शुरुआत तो कांग्रेस से की थी। उस वक्त उन्हें युवक कांग्रेस में शामिल किया गया था। लेकिन जब 2002 में विधानसभा के चुनाव आए तो कुलदीप कांग्रेस का हाथ छोड़कर हाथी पर सवार हो गए। 1996 के चुनावों में 10 हजार वोटों से हारी हुई उन्नाव सदर की सीट से मायावती ने कुलदीप को उम्मीदवार बना दिया।

कुलदीप चुनावी मैदान में उतरे और कांग्रेस के प्रत्याशी शिव पाल को करीब चार हजार वोट से हरा दिया। उससे पहले 1996 के चुनाव में ये सीट सपा के दीपक कुमार के पास थी। बस यहीं से कुलदीप के सितारे चमकने शुरू हो गए।

2007 के चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपनी छवि इतनी बड़ी बना ली कि वो उन्नाव सदर सीट छोड़कर खुद ही पुरवा विधानसभा में चुनाव प्रचार करने लगे। इस बात से नाराज मायावती ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया। पार्टी से निकाले जाने के बाद कुलदीप ने मुलायम सरकार की शरण ली। मुलायम ने कुलदीप सिंह को बांगरमऊ सीट से लड़ने को कहा और कुलदीप राजी होगए।

ये भी पढ़ें- उन्नाव : मृतक रोज़गार सेवक के परिजनों को मिली अर्थिक मदद

कुलदीप सिंह सेंगर ने बांगरमऊ से जीत दर्ज की। 2012 के चुनाव में कुलदीप सेंगर ने चुनाव क्षेत्र बदला और भगवंत नगर में सक्रिय हो गए। उस सीट से भी कुलदीप सिंह ने जीत हांसिल की।जनवरी 2017 में कुलदीप ने पार्टी बदल ली और बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें एक बार फिर से बांगरमऊ से टिकट दे दिया। जब चुनाव के नतीजे आए तो कुलदीप सिंह सेंगर लगातार चौथी बार विधायक बन गए।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.