उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक फैसले से स्कूलों की मनमानी फीस पर नकेल लगने वाली है। सरकार ने अब एक नई गाइडलाइन्स बनाई है जिससे ना सिर्फ बेतहाशा फीस बढ़ोतरी से छुटकारा मिलेगा बल्कि तरह-तरह के फीसों से भी मुक्ति मिल जाएगी।
योगी सरकार की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक बच्चों की फीस सालाना 7 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ेगी। ये फैसला 20 हज़ार रूपये से अधिक सालाना फीस वाले स्कूलों पर लागू होगा। किसी ख़ास दुकान से ड्रेस या किताबें खरीदना जरूरी नहीं होगा और 5 साल से पहले स्कूल यूनिफॉर्म बदलने की इजाजत नहीं होगी। स्कूलों में अब सिर्फ 4 तरह के फीस अनिवार्य होंगे बाकी फीस देना है या नहीं देना है, ये तय करने का अधिकार अभिभावक को होगा।
स्कूल अब सिर्फ रजिस्ट्रेशन शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और सालाना शुल्क ले सकेंगे। एजुकेशन टूर जैसे अन्य शुल्क बिना अभिभावक की मंज़ूरी के नहीं लिए जाएंगे। स्कूल जो भी पैसे लेंगे उसकी रसीद देनी होगी। अगर किसी स्कूल ने सरकार के बनाए इन नए नियमों का पालन नहीं किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर पहली बार 1 लाख का जुर्माना लगेगा। ग़लती दोबारा पकड़ी गई तो जुर्माना 5 लाख हो जायेगा और तीसरी ग़लती पर स्कूल की मान्यता ही रद्द कर दी जाएगी।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश सहायक अभियंता सम्मिलित प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली, 2014 में साक्षात्कार के लिए निर्धारित 250 अंक की जगह 100 अंक करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सहायक अभियंता नियमावली 2014 में साक्षात्कार के लिए प्रावधानित 250 अंक के स्थान पर 100 अंक निर्धारित किया है।
मौजूदा समय में अभियंत्रण विभागों में सहायक अभियंता के लिए 2014 की नियमावली प्रभावी है। इसमें लिखित परीक्षा के लिए 750 अंक और साक्षात्कार के लिए 250 अंक निर्धारित किया गया था। इसमें संशोधन कर साक्षात्कार का अंक घटाकर 100 कर दिया गया है। लिखित परीक्षा का 750 अंक बना रहेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अंकों में हेराफेरी की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा।
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