यूपी: मुख्यमंत्री ने की सहारनपुर मंडल में कोविड कार्यों की समीक्षा, कहा- मिलकर तोड़ेंगे कोरोना की चेन

मजदूरों, स्ट्रीट वेण्डर, नाई, नाविक, मोची, धोबी आदि परम्परागत कामगारों की आजीविका प्रभावित न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार जून, जुलाई और अगस्त महीने तक निःशुल्क खाद्यान्न दिया जाएगा। इससे प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। साथ ही स्ट्रीट वेंडर और मजदूरों को 1000 रुपए महीने का भत्ता मिलेगा- सीएम

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यूपी: मुख्यमंत्री ने की सहारनपुर मंडल में कोविड कार्यों की समीक्षा, कहा- मिलकर तोड़ेंगे कोरोना की चेन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर दौरे पर कोविड कार्यों की समीक्षा की और अस्पतालों और होम आइसोलेशन में मरीजों से मुलाकात की। फोटो अरेंजमेंट 

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। "प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में निरन्तर कमी आ रही है। पॉजिटिविटी की दर कम हुई है और रिकवरी बढ़ी है। प्रदेश में 24 अप्रैल को सर्वाधिक केस 38,055 आए थे और आज (17 मई) को 9,000 केस आए हैं। ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट के मंत्र से पिछले 16 दिनों में लगभग 01 लाख 61 हजार केस कम हुए। हर व्यक्ति की भागीदारी से कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ेंगे।" ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर मंडल में कोविड कार्यों की समीक्षा करते हुए कही।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद सहारनपुर में कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार के लिए सहारनपुर मण्डल में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को और अधिक प्रभावी करते हुए टेस्टिंग कार्य बढ़ाया जाए। किसी भी मरीज को दवाई, ऑक्सीजन, बेड तथा एम्बुलेंस की कमी न होने पाए। प्रत्येक अस्पताल में सभी उपकरण क्रियाशील स्थिति में रहें। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर 300 ऑक्सीजन प्लांट प्रस्तावित हैं, जिनमें से 11 ऑक्सीजन प्लांट सहारनपुर में स्थापित होंगे। समीक्षा बैठक में सहारनपुर मण्डल के जनपदों के अन्य अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

"कम्युनिटी किचन से मिले खाना"

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद में कम्युनिटी किचन को सुचारु रूप से संचालित किया जाए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को भोजन उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए और मास्क लगाने के लिए लगातार प्रेरित किया जाए। तभी संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है।

कोविड कार्य में कार्यरत कर्मियों को 25 फीसदी ज्यादा मानदेय

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में आवश्यकतानुसार मैनपावर बढ़ायी जाए तथा कोविड कार्य में कार्यरत कार्मिकों को 25 प्रतिशत अधिक मानदेय दिया जाए। इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आईसीसीसी) को अधिक से अधिक प्रभावी किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता पडने पर तत्काल एम्बुलेंस मुहैया करायी जाए। किसी भी मरीज को बेड और चिकित्सीय सुविधा में कमी न होने पाए। कोई भी मरीज दवाई, बेड और ऑक्सीजन के अभाव में इधर-उधर न भटके।

उन्होंने कहा कि 50 से कम कार्मिकों वाले औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क तथा 50 से अधिक कार्मिकों वाली औद्योगिक इकाइयों में कोविड केयर सेण्टर बनाया जाए। अधिकारी समय-समय पर ऐसे संस्थानों में स्थापित कोविड हेल्प डेस्क और केयर सेण्टर का निरीक्षण भी करें।

वैक्सीनेशन की हो प्लानिंग

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को वैक्सीनेशन की पहले से प्लानिंग करने के निर्देश दिए, जिससे सभी लोगों को समय से वैक्सीनेशन किया जा सके और वेस्टेज भी न हो। निजी चिकित्सालय, लैब और एम्बुलेंस नियमों का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। बच्चों, महिलाओं और गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए अलग से नॉन कोविड अस्पताल डेडिकेट किया जाए।कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए और अफवाह फैलाने तथा माहौल बिगाड़ने वालों पर पैनी निगाह रखी जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। समीक्षा बैठक के दौरान गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्म सिंह सैनी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से निरन्तर वार्ता कर, उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए।

मुख्यमंत्री ने जनपद सहारनपुर के भ्रमण के दौरान विकास खण्ड सरसावा के ग्राम सुराना में होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 मरीजों से संवाद किया। उन्होंने मरीजों को उपलब्ध करायी जा उपचार व्यवस्था व सुविधाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत बलवन्तपुर/सलेमपुर पहुंचकर निगरानी समिति के सदस्यों और स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना और बरसात के मौसम में संक्रमण को रोकने के लिए सैनिटाइजेशन, साफ-सफाई, फॉगिग आदि की निरन्तर कार्यवाही की आवश्यकता है।

यूपी मॉडल की हो रही सराहना-सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इस मॉडल की विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग ने सराहना की है। नीति आयोग और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अन्य राज्यों से भी उत्तर प्रदेश के इस मॉडल को अपनाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल को प्रदेश में 03 लाख 10 हजार एक्टिव केस थे और 17 मई को 01 लाख 49 हजार एक्टिव केस हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सहारनपुर मण्डल में 45 वर्ष से ऊपर के 05 लाख 49 हजार 132 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। जनपद सहारनपुर में 13 हजार 306 युवाओं का टीकाकरण किया गया है। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए आंशिक कोरोना कफ्र्यू लागू किया गया है। इस दौरान आवश्यक और आपातकालीन सेवाएं, सब्जी और फल मण्डी, गेहूँ क्रय केन्द्र, उद्योग, चीनी मिलें संचालित हैं। उन्होंने कहा कि जनता को परेशानी न हो और भीड़ न हो, इसका विशेष ध्यान रखना है। किसी के सामने भुखमरी की समस्या न हो, इसलिए जनपदों में कम्युनिटी किचन संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में उपचार और भोजन की व्यवस्था की जा रही है। दैनिक काम करने वाले मजदूरों, स्ट्रीट वेण्डर, नाई, नाविक, मोची, धोबी आदि परम्परागत कामगारों की आजीविका प्रभावित न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा जून, जुलाई और अगस्त महीने तक निःशुल्क खाद्यान्न दिया जाएगा। इससे प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।

मजदूरों और वेंडर को 1000 रुपए का मासिक भत्ता

श्रमिक, स्ट्रीट वेण्डर, कुली, पल्लेदार आदि को 1,000 रुपए मासिक का भरण-पोषण भत्ता देने की भी व्यवस्था की गयी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अन्तर्गत 20 मई, 2021 से निःशुल्क खाद्यान्न वितरण करने की व्यवस्था प्रारम्भ की जा रही है। प्रत्येक यूनिट में 05 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ-साथ उसके भोजन का भी ध्यान रख रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए अभी से हर जनपद में तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। मेडिकल कॉलेज में 100 और जिला चिकित्सालय में 25 बेड आईसीयू के अलग से तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी पर भी सभी आवश्यक तैयारी की जा रही हैं। जनता में जागरूकता पैदा करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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