धान खरीद में किसानों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी एसएमएस से देने का निर्देश   

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धान खरीद में किसानों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी एसएमएस से देने का निर्देश   माेबाइल पर मिलेगी धान खरीद की सुविधाओं की जाानकारी।

लखनऊ (भाषा)। प्रदेश में धान खरीद में किसानों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी किसानों को उनके मोबाइल नम्बर पर एसएमएस द्वारा दी जायेगी। प्रदेश सरकार द्वारा जनपदों के निरीक्षण हेतु नामित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को अपने नामित सम्बन्धित जनपदों में निरीक्षण के दौरान धान क्रय की समीक्षा कर निर्धारित चेक लिस्ट के अनुसार निरीक्षण करना भी अनिवार्य होगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार किसानों से धान खरीदने एवं उनको दी जा रही सुविधाओं की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ मंडलों के 31 जनपदों में आगामी 25 अक्टूबर से धान खरीद प्रारम्भ होकर 31 जनवरी, 2018 तक निरन्तर धान की खरीद किसानों से की जायेगी। इसी प्रकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के 9 मण्डलों के 41 जनपदों में धान खरीद एक नवम्बर से प्रारम्भ होकर 28 फरवरी, 2018 तक कराने हेतु धान क्रय केंद्र खोलने की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली गयी है।

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उन्होंने कहा कि कृषक पारदर्शी योजना के अन्तर्गत किसानों के सूचीबद्ध मोबाइल नम्बरों पर धान खरीद के सम्बन्ध में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी किसानों को यथाशीघ्र भेजा जाये। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के मद्देनजर धान खरीद के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारियों का व्यापक प्रचार-प्रसार रेडियो, दूरदर्शन एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से कराकर किसानों को योजनान्तर्गत लाभान्वित कराने के सार्थक प्रयास सुनिश्चित कराये जायें।

उन्होंने कहा कि धान क्रय केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिये आवश्यकतानुसार बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके धान विक्रय मूल्य का आरटीजीएस के माध्यम से धनराशि का भुगतान पारदर्शिता के साथ कराना सुनिश्चित किया जाये। किसानों से अपील की जाये कि वे सूखा हुआ धान ही क्रय केंद्रों पर लेकर आयें। किसानों का किसी प्रकार का उत्पीड़न सहन नहीं किया जा सकता।

बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद निवेदिता शुक्ला वर्मा ने बताया कि धान खरीद हेतु निर्धारित 50 लाख टन के सापेक्ष तीन हजार धान क्रय केंद्र विभिन्न क्रय एजेन्सियों द्वारा विभिन्न जनपदों में स्थापित किये जा रहे हैं। किसानों का आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है एवं प्रारम्भ हो चुका है एवं अधिक से अधिक संख्या में किसानों को आनलाइन पंजीकरण हेतु प्रेरित किया जा रहा है। धान की खरीद किसानों से सीधे की जाएगी, किसानों और क्रय एजेन्सी के बीच कोई मध्यस्थ या बिचैलिया नहीं होगा।

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