लखनऊ। यूपी इस बार वर्ष 2016-17 में सबसे अधिक तिलहन उत्पादन के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
केंद्र सरकार की तरफ से देश की अन्न पैदावार बढ़ाने के क्षेत्र में हर वर्ष दिया जाने वाला कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य को 2 करोड़ रुपए की राशि के साथ-साथ एक स्मृति चिन्ह और ताम्रपत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार गेहूं, चावल, दालें और मोटे अनाज की पैदावार में अग्रणी रहने वाले राज्यों को भी दिया जाता है।
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पिछले वर्ष 2015-16 के लिए असम राज्य को तिलहन के रिकार्ड उत्पादन के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार दिया गया था। इसके साथ ही प्रदेश के दो किसान (महिला/पुरुष) को तिलहन के रिकार्ड उत्पादन के लिए ‘कृषि मंत्री कृषि कर्मण प्रगतिशील किसान पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार फरवरी में दिल्ली में आयोजित कृषि मेले में दिए जाएंगे।
वर्ष 2015-16 में असम में 2,85,677 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों की खेती हुई थी, जिससे 1,99,501 मीट्रिक टन सरसों का रिकार्ड उत्पादन हुआ था। इस अवसर पर असम सरकार को दो करोड़ रुपए का चेक दिया गया।
कृषि कर्मण पुरस्कार फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन पर कई राज्यों को दिया गया। पिछले वर्ष 2015-16 के लिए पश्चिम बंगाल को दाल, असम को तिलहन, बिहार को मोटे अनाज, मध्य प्रदेश को गेहूं व पंजाब को धान उत्पादन के लिए ये सम्मान मिला। केंद्र सरकार की तरफ से देश की अन्न पैदावार बढ़ाने के क्षेत्र में हर वर्ष दिया जाने वाला कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य को 2 करोड़ रुपए की राशि के साथ-साथ एक स्मृति चिन्ह और ताम्रपत्र दिया जाता है।
तिलहनी फसलों के उत्पादन व उत्पादकता में बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नेशनल मिशन आन आयल सीड्स एण्ड आयॅल पॉम योजना चलाई जा रही है।