लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के मामले में सरकार ने आक्सीजन की कमी को रिपोर्ट को फर्जी बताया है। यूपी सरकार ने अपने बयान में कहा कि 7 मरीजों की मौत 11 अगस्त को हुई है लेकिन उसकी वजह आक्सीजन की कमी नहीं। सरकार की प्रेस रिलीज में ये भी कहा गया है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में ऐसी भ्रामक खबरें चलाई जा रही हैं।
वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आएस शुक्ला ने बताया, “हर जगह ये चलाया जा रहा है कि 30 बच्चों की मौत हुई है जो कि गलत है ये आंकड़ा गलत है। ये 30 मौतें बुधवार से अब तक की हैं। ऑक्सीजन रोकी जरुर गयी थी लेकिन उसके बाद तुरंत छोटे गैस सिलेंडर जो हमारे पास उपलब्ध है वो लगा दिए गये थे, अभी भी हमारे पास कुल 150 गैस सिलेंडर उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन की कमीं से सिर्फ सात मौते हुई हैं। जिलाधिकारी द्वारा टीम बना दी गयी है जिसकी जांच टीम करेगी। जो भी जाँच में आएगा उसपर कार्रवाई की जाएगी।”
ये पढ़ें:यूपी : गोरखपुर में BRD मेडिकल कॉलेज में 30 बच्चों की ऑक्सीजन खत्म होने से मौत
ये है पूरा मामला
बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस के सैकड़ों मरीज भर्ती हैं। बताया जा रहा है आक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को पैसा का भुगतान नहीं किया गया जिससे,एनएनयू वार्ड और इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती 30 बच्चों की मौत हो गई। मेडिकल कालेज के नेहरु अस्पताल में सप्लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रुपए का भुगतान बकाया था।
महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश डॉ पद्माकर सिंह ने बताया, “मैंने गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात कि है वो मौके पर मौजूद थे जो मौते हुई है वो ऑक्सीजन के रुकने से नहीं हुई हैं। फिर भी हमने एडी से बोल दिया है आप मेडिकल कॉलेज पहुच कर जाँच करें क्या हुआ है और जानकारी दें। जाँच में जो भी आएगा उसे शासन ममें भेज दिया जायेगा| उस जाँच के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।”