लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। यूपी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीद के लिए तैयारियां जारी हैं। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल ने धान खरीद के लिए खरीद पॉलिसी पर तय कर दी है। प्रदेश में 1940 और 1960 रुपए प्रति कुंटल की दर से किसानों से 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का संभावित लक्ष्य रखा गया है।
यूपी में धान खरीद के लिए योगी मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर को मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष (KMS) 2021-22 में लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए धान क्रय नीति निर्धारित की है। भारत सरकार ने खरीद वर्ष 2021-22 में कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है।
सरकारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश में इस वर्ष 4,000 क्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे और 70 लाख मीट्रिक टन धान का खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही सभी खरीद केंद्रों रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेण्टर के माध्यम से जियो टैगिंग की जाएगी।
यूपी देश के प्रमुख धान उत्पादन राज्यों में से एक है। कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में औसतन 59 से 60 लाख हेक्टयेर में धान की खेती होती है। साल 2020-21 में 59.41 लाख हेक्येटर में धान की खेती हुई थी, जबकि इससे पहले 2019-20 में 58.99 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई थी।
खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर 15 सितंबर तक के आंकडों के मुताबिक प्रदेश में पिछले साल 13 लाख किसानों से 66.84 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई हुई थी, जिसके बदले किसानों को 124918880242.07 रुपए का भुगतान किया गया था। पिछले साल 1425010 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
प्रदेश में 1 अक्टूबर से 28 फरवरी तक चलेगी खरीद
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 (paddy procurement session 2021-22) में लखनऊ सम्भाग के जनपद हरदोई, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धान खरीद 1 अक्टूबर से शुरु होगी जो 31 जनवरी 2022 तक चलेगी जबकि लखनऊ सम्भाग के जनपद लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 01 नवम्बर से खरीद शुरु होगी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी।
सरकार ने पारदर्शी खरीद के लिए पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कया है। किसानों से धान खरीद कम्प्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी, फोटोयुक्त पहचान प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी। कई जिलों में किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में पोर्टल को लेकर शिकायत की है।
यूपी सरकार ने अपने बयान में कहा है कि सभी क्रय एजेन्सियों द्वारा धान के मूल्य का भुगतान भारत सरकार के पी.एफ.एम.एस. (PFMS) पोर्टल के माध्यम से धान क्रय के 72 घंटे के अन्दर किया जाएगा। खरीद केंद्रों पर गुणवत्ता वाले धान की खरीद होगी। बोरों और किसानों को किए जाने वाले भुगतान के लिए वित्तीय व्यवस्था के प्रबंध को देखते हुए संभावित क्रय लक्ष्य 70 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
4000 खरीद केंद्रों के जरिए होगी धान की खरीद
प्रदेश में 4000 क्रय केंद्रों के जरिए धान खरीद होगी। जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पी.सी.एफ) के 1500 होंगे जबकि दूसरे नंबर क्रय केंद्र खाद्य विभाग की विपणन शाखा (1100) के होंगे। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पी.सी.यू.) के 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के 200, उ.प्र. उपभोक्ता सहकारी संघ (UPSS) के 300 तथा भारतीय खाद्य निगम के 300 क्रय केन्द्र होंगे। खरीद सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होगी। जिलाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार क्रय केन्द्र के खुलने व बन्द होने के समय में आवश्यक परिवर्तन कर सकेंगे।
गांवों में लगेंगे खरीद केंद्र के बोर्ड
खरीद केंद्र कहां लगे हैं, इसकी पूरी जानकारी गांवों के पंचायत या सार्वजनिक भवनों में लिखित में लगाई जाएगी। जिसमें क्रय केंद्र का नाम, क्रय केन्द्र प्रभारी का नाम, मोबाइल नम्बर, केन्द्र के खुलने व बन्द होने का समय की अनिवार्य जानकारी दी जाएगी। इस संबंध में पंचायती राज विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं।
क्रय केन्द्रों की रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेण्टर के माध्यम से जियो टैगिंग की जाएगी। जिले में स्थापित सभी एजेन्सियों के क्रय केन्द्रों का नाम व पता, केन्द्र की लोकेशन, केन्द्र प्रभारी का नाम व मोबाइल नम्बर आदि विवरण जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी सूचना एस.एम.एस. के जरिए किसानों को पंजीकरण के समय दे दी जाएगी।
विक्रेता को लगाना होगा थंब इंप्रेशन
इलेक्ट्रॉनिक प्वाइण्ट ऑफ परचेज मशीन के माध्यम से किसानों के बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा क्रय केन्द्रों पर धान की खरीद की जाएगी। जनपद में धान क्रय हेतु जिलाधिकारी नोडल अधिकारी होंगे। उनके निर्देशन तथा पर्यवेक्षण में धान क्रय कराया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा जनपद के किसी वरिष्ठ अधिकारी को, जो कम से कम अपर जिलाधिकारी स्तर के हों, जिला खरीद अधिकारी एवं जिला खाद्य विपणन अधिकारी को अपर जिला खरीद अधिकारी नामित किया जाएगा।
समय पर काम करने पर मिलर को ईनाम, वर्ना जुर्माना
चावल मिलर को दिए गए धान के सापेक्ष 45 दिनों के अन्दर मिलर द्वारा केन्द्रीय पूल में चावल भेज देता है तो उसे प्रोत्साहन राशि की दर अरवा चावल तथा सेला चावल के लिए 20 रुपए प्रति कुन्तल मिलिंग किए गए धान पर दी जाएगी। 45 दिन में चावल न जमा कराए जाने पर 1 रुपए प्रति कुन्तल की दर से होल्डिंग प्रभार देय (होल्डिंग फ्री) होगा।