एक बंदूक से खतरे में पड़ी मरीजों की जान

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एक बंदूक से खतरे में पड़ी  मरीजों की जानएमआरआई मशीन में चिपकी पिस्टल।

लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में उत्तर प्रदेश सरकार में खादी एवं ग्राम्य उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी के गनर ने अस्पताल के नियमों का पालन न करने के कारण एमआरआई मशीन खराब हो गई और मरीजों की जान खतरे में डाल दी।

दरअसल शुक्रवार को मंत्री सत्यदेव सिंह पचौरी हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान बेहोश हो गए थे इसलिए उन्हें लोहिया अस्पलात में भर्ती कराया गया था। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने उनकी जाँच की और फिर एमआरआई कराने भेजा। इसके बाद मंत्री अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ रेडियो डायग्नोसिस ब्लॉक पहुंचे।

मंत्री जैसे ही एमआरआई कक्ष में पहुंचे उनके साथ उनका गनर भी अंदर चला गया जिसकी बंदूक कमर से खिंचकर एमआरआई मशीन में लगे चुंबक से चिपक गई। इस कारण मशीन तेज आवाज के साथ बंद हो गई और वहां हड़कंप मच गया।

50 लाख रुपये खर्च होंगे मशीन को बनाने में

एमआरआई मशीन में चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए हीलियम गैस को विशेष तापमान पर रखा जाता है। अब इस मशीन से बंदूक को निकालने के लिए उसकी मैग्नेटिक फील्ड डिफ्यूज करनी पड़ेगी। इसके लिए लगभग 23 हजार लीटर लिक्विड गैस को मशीन से निकाला जाएगा और फिर उसके बाद बंदूक को एमआरआई मशीन से बाहर निकाला जा सकेगा।

माना जा रहा है कि गैस निकालने और मशीन को बनाने की पूरी प्रक्रिया में लगभग 50 लाख रुपये खर्च होंगें। मशीन को बनाने में लगभग सात दिन लग सकते हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में रोज़ाना 20 से 25 मरीजों की जांच होती है और अब उन्हें इसके लिए इमरजेंसी में केजीएमयू और पीजीआई अस्पताल जाना पड़ेगा।

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