लखनऊ/कन्नौज। दो दिन बाद यानी 25 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश के प्रधानों का पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। उनका कार्यकाल नहीं बढ़ेगा, न ही प्रशासक की जिम्मेदारी मिलेगी, बल्कि एडीओ पंचायत को प्रशासक की कमान सौंपी जाएगी।
इत्रनगरी में आए कन्नौज जिले के प्रभारी और पंचायती राज विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायतों में काम होगा। पिछले सालों में भी प्रधानों के कार्यकाल के बाद एडीओ पंचायत, ब्लॉकों में उपजिलाधिकारी और जिला पंचायत में जिलाधिकारी को प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी मिलती रही है। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि इसको लेकर परीक्षण होने के बाद लागू किया जाएगा।
कन्नौज में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर कहा, “राजनीतिक व्यवस्था के तहत चुनी गई भाजपा सरकारों को काम करने से रोका जा रहा है। कुंठित मानसिकता के लोग अराजकता फैला रहे हैं। किसानों को गुमराह करके आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं। कृषि क्षेत्र के लिए तीनों बिल किसानों के हित में हैं और वर्ष 2022 तक आय दोगुनी करने के लिए हैं, इस रास्ते की जो बाधाएं हैं, उनको दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं।”

कन्नौज में एक कार्यक्रम के दौरान पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी। फोटो : गाँव कनेक्शन
‘मार्च के अंत में होंगे पंचायत चुनाव’
माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सवाल पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, “सरकार और पंचायती राज विभाग मिलकर चुनाव की तैयारियों को लेकर पहले प्राथमिकता वाले कार्य कर रही है। पंचायतों के पुनर्गठन के बाद परिसीमन होगा। उसके बाद आरक्षण का काम चलेगा। अधिसूचना के बाद मार्च के अंत में पंचायत चुनाव करा लिए जाएंगे।”