डीजीपी ने प्रदेश के अफसरों की क्लास ली,कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने का पाठ पढ़ाया 

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डीजीपी ने प्रदेश के अफसरों की क्लास ली,कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने का पाठ पढ़ाया डीजीपी सुलखान सिंह।

लखनऊ। पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री सुलखान सिंह की अध्यक्षता में प्रदेश के जनपदों के क्राइम ब्रांच प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक की गोष्ठी की गयी। इसमें जनपद क्राइम ब्रांच द्वारा किये जा रहे हैं कार्यों की समीक्षा की गयी तथा जनपद क्राइम प्रभारी से फीडबैक प्राप्त किया गया। क्राइम ब्रांच की समीक्षा निम्न बिन्दुओं के प्रारूपों पर की गयी।

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  • 1- उपलब्ध संसाधनों का विवरण यथा भवन/वाहन/कर्मियों के नियतन की स्थिति।
  • 2- ऐसी सभी हत्यायें जिनमें मृतक की शिनाख्त न हुई हो।
  • 3- सभी अज्ञात बलात्कार के मामले।
  • 4- फिरौती हेतु अपहरण के प्रकरण।
  • 5- लूट/डकैती के सभी प्रकरण जिनमें माल से भरे ट्रक लूटे गये हों तथा ट्रक से लूट हुआ हो।
  • 6-50 लाख से अधिक के आर्थिक धोखाधड़ी के अपराध।
  • 7- मनी लान्ड्रिंग के अपराध।
  • 8- जाली मुद्रा के अपराध।
  • 9- आई0टी0 एक्ट के अपराध।
  • 10- अन्तर्राष्ट्रीय अथवा अन्तर्राज्यीय संगठित अपराध।
  • 11- मफरूर अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही का विवरण।
  • 12- वांछित अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही का विवरण।
  • 13- लम्बित विवेचनायें।

गोष्ठी का संचालन पुलिस अधीक्षक अपराध द्वारा किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध श्री चन्द्र प्रकाश द्वारा लंबित अभियोगों के अनावरण हेतु निर्देशित किया गया तथा लम्बित विवेचनाओं के समयबद्ध निस्तारण पर जोर दिया गया। विशेष रूप से 5 वर्ष से पुरानी विवेचनाओं के निस्तारण पर ध्यान देने की अपेक्षा की गयी।

वर्षों से लम्बित चल रहे मफरूर तथा वांछित की गिरफ्तारी पर बल दिया गया। जो प्रकरण क्राइम ब्रांच से सम्बन्धित हों, उन्हें स्वतः संज्ञान लेकर कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी। क्राइम ब्रांच का थानों से समन्वय रखे जाने की बात कही गयी। क्राइम ब्रांच की विवेचना यूनिट तथा अन्य यूनिट अभिसूचना शाखा, क्राइम मानिटरिंग, डीसीआर/एएचटीयू आदि के पर्यवेक्षण पर प्रभारी क्राइम ब्रांच को ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बैठक में पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा कहा गया कि पुलिस अधीक्षक (अपराध) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी तथा पुलिस अधीक्षक अपराध के कार्यों का शीघ्र ही निर्धारण किया जायेगा। पुलिस महानिदेशक द्वारा पुलिस अधीक्षक अपराध को निर्देशित किया गया कि जनपदों के गम्भीर अपराधों की समीक्षा, अपराध पर्यवेक्षण की समीक्षा, लम्बित विवेचनाओं की समीक्षा, न्यायालय में अभियोजन की समीक्षा, पैरोकारों के कार्यों की समीक्षा, पुरस्कार घोषित/वांछित अपराधियों एवं मफरूर अपराधियों की गिरफ्तारी एवं अपराध करने के तरीकों का विश्लेषण कर अपराध रोकने की योजना तैयार करने एवं सीसीटीएनएस का पर्यवेक्षण करना चाहिए।

पुलिस अधीक्षक अपराध को जनपद के अपराधों का 360 डिग्री पर्यवेक्षण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध को देश और विदेश में विवेचना और अभियोजन के सर्वोत्कृष्ट मानकों/उदाहरणों का अध्ययन करना चाहिए, तद्नुसार उनको प्रदेश में लागू करना चाहिए। पुलिस महानिदेशक द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक अपराध को क्राइम ब्रांच में अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु नियतन बढ़ाने तथा एस0ओ0पी0 तैयार कराने के लिये निर्देशित किया गया। क्राइम ब्रांच के लिये केन्द्रीयकृत मैनुवल हैण्डबुक तैयार कर पूरे प्रदेश में एक रूपता से लागू किया जायेगा। अकेले रहने वाले वृद्धजनों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता।

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वर्तमान में ऐसे कई परिवारों के वृद्धजनों को अकेले रहना पड़ रहा है, जिनके पुत्र-पुत्री उन्हे उपेक्षित छोड़ दे रहे हैं, विशेषकर वे लोग, जिनकी संताने नौकरी अथवा व्यवसाय आदि के कारण देश के किसी अन्यत्र स्थान अथवा विदेश मे जाकर बस गये हैं। अकेले रहने वाले वृद्धजनों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु जनपद के नगरीय क्षेत्रों के प्रत्येक थाने के थानाध्यक्ष द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में सर्वे करके ऐसे सभी वृद्धजनों की सूची बनाकर उनका विवरण एक पंजिका में अंकित करके थाना स्तर पर रखा गया है।

इस पंजिका में ऐसे वृद्धजनों का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, उनके घर पर कार्य करने वाले नौकरों तथा अन्य बाहरी व्यक्तियों जो सामान्यतः उनके घर आते हैं का विवरण अंकित कर उनका सत्यापन कराया जा रहा है। जनपद के सम्बन्धित थाने के हल्का प्रभारी व पुलिस कर्मियों द्वारा प्रत्येक सप्ताह अपने क्षेत्र के सूचीबद्ध वृद्धजनों के निवास स्थान पर जाकर अथवा दूरभाष पर उनका हालचाल लेकर उनकी सम्स्याओं का विवरण उक्त पंजिका में अंकित कर निस्तारण कराया जा रहा है।

यूपी-100 सेवा के एप्लीकेशन को उनके एण्ड्रायड फोन में डाउनलोड करने एवं प्रणाली में पंजीकरण कराने व आपातकालीन स्थितियों यथा स्वास्थ्य सम्बन्धी आकस्मिक परिस्थितियों एवं अपराधियों से जीवन भय सम्बन्धी स्थिति में इसका उपयोग किये जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। वृद्धजनों के विरूद्ध हुये अपराधों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सूचनायें थाना स्तर पर एक रजिस्टर में सुरक्षित/अद्यावधिक रखी जा रही हैं। यह रजिस्टर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा थाने के निरीक्षण के समय उपलब्ध रहता है। जनपद स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक व परिक्षेत्र स्तर पर परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं जोन स्तर पर जोनल अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक के साथ-साथ मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 के स्तर पर अकेले रहने वाले वृद्धजनों के विरूद्ध हुये अपराधों का अनुश्रवण किया जा रहा है।

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