महिला सुरक्षा पर यूपी पुलिस की अनोखी पहल, अस्तित्व पर मंथन शनिवार को

Abhishek PandeyAbhishek Pandey   8 Sep 2017 6:51 PM GMT

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महिला सुरक्षा पर यूपी पुलिस की अनोखी पहल, अस्तित्व पर मंथन शनिवार कोपुलिस ‘अस्तित्व’ नाम से विशेष कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है।

लखनऊ। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन शोषण, घरेलू हिंसा, मानव तस्करी जैसे कई मुद्दों पर यूपी पुलिस पहली बार महिलाओं के अस्तित्व और सम्मान को बचाने के लिए राजधानी में ‘अस्तित्व’ नाम से विशेष कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। इस कार्यक्रम में देशभर से आए बुद्धिजीवी महिलाओं की सुरक्षा के प्रति अपने विचार रखेंगे।

उत्तर प्रदेश समेत देशभर में महिलाओं के प्रति अपराधों की संख्या में बाढ़ आ गई है, जिसे रोक पाना पुलिस के लिए एक चुनौती बनता जा रहा है। इसे देखते हुए यूपी पुलिस ने महिला सशक्तिकरण के लिए 9 सितम्बर को राजधानी के शहीद पथ रोड स्थित डॉयल 100 के साभागार में एक कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर उप मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे।

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एडीजी कार्मिक आदित्य मिश्रा की अगुवाई में इस पूरे कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। आदित्य मिश्रा ने बताया, “अस्तित्व कार्यक्रम करने का उद्देश्य केवल महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर समाज के विभिन्न वर्ग से चर्चा कर इस पर रोकथाम लगाने की योजना है।

हर क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग से परिचर्चा कर महिला अपराध संबंधित एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी।” उन्होंने आगे कहा, “जिसे आगे चलकर महिलाओं के हित में जमीन पर उतारा जाएगा।“वहीं, एएसपी वीमेन पॉवर लाइन अजय मिश्रा बताते हैं, “महिलाओं के अस्तित्व को बचाए और सुरक्षित रखने के यूपी पुलिस की ओर से इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।“

कार्यशाला में घरेलू हिंसा को मुख्य रूप से जगह दी गई है, क्योंकि पुलिस का मानना है कि मौजूदा वक्त में घरेलू हिंसा हर घर की समस्या बनती जा रहा है, जिस पर रोकथाम लगाने के लिए पत्रकारिता क्षेत्र, समाजसेवी और एनजीओ के लोग अपने विचार प्रकट कर, इसके निस्तारण के लिए यूपी पुलिस से परिचर्चा करेंगे।

वहीं समय के साथ-साथ भारत डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ रहा है, लेकिन डिजिटल क्रांति के दौर में सोशल मीडिया का बहुत अधिक दुरुपयोग भी हो रहा है, जहां सोशल मीडिया पर महिलाओं की फोटो अपलोड कर उनका उत्पीड़न किया जाता है। इस पर रोकथाम के लिए सभी परिवेशों में महिलाओं को साइबर अपराध से सुरक्षित रखने और इन आधुनिक संचार माध्यमों के दुरुपयोग को रोकने के संदर्भ में अस्तित्व संगोष्ठी में चर्चा होगी।

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मानव तस्करी जैसे अहम वह मुख्य मुद्दे को भी कार्यक्रम के अहम हिस्से में रखा गया है। जहां मानव द्वारा किये जा रहे अपराधों में सबसे जघन्य अपराध में से एक मानव तस्करी है । जिसका शिकार मासूम बच्चों और महिलाओं को बड़ी तादाद में बनाया जा रहा है। इस अमानवीय अपराध को दिनोंदिन बढ़ती जा रही संख्या बेहद चिंता का कारण बनी हुई है।

अस्तित्व कार्यक्रम के सेशन में इन बेगुनाह महिलाओं और बच्चों को एक स्वतंत्र जीवन मिलने की उम्मीद की एक पहल है। समाज से बुराइयों को कैसे खत्म किया जाए, इनके मूल कारणों पर गंभीर चर्चा की जाएगी। अस्तित्व कार्यक्रम में राममनोहर लोहिया के विधि छात्रा महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर अपने विचार रखेंगी।

वहीं यूपी पुलिस ने कार्यक्रम में महिला पीड़ितों को भी न्यौता दिया है, जो अपनी बात खुल कर समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और पुलिस अधिकारियों के बीच रख सकती हैं। इस दौरान दर्शक दीर्घा से भी कार्यक्रम के वक्ताओं से सवाल-जवाब किया जा सकता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंशुमालि शर्मा, ज्योत्सना हबीबुल्ला, पूजा अवस्थी, डॉ. नेहा आनंद आदि कार्यशाला में सहभागिता करेंगे।

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