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यूपी बजट: क्या बुंदेलखंड का हो सकेगा भला?

Bundelkhand

अरविंद सिंह परमार

ललितपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को बजट पेशकर बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाकों का खास ध्यान रखते हुए बड़ा आवंटन किया। इसमें एक तरफ बुंदेलखंड में सड़कों के निर्माण के लिए जहां 200 करोड़ रुपए का बजट दिया है, वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए 650 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। मगर क्या इस बजट से बुंदेलखंड की स्थिति सुधरेगी, आइए जानते हैं बुंदेलखंड के लोगों की राय…

बुंदेलखंड में सड़कों निर्माण के बजट को लेकर ललितपुर जिले से पूर्व दक्षिण दिशा में पाली तहसील तहत ककरूवाँ गाँव के किसान बिन्दपाल सिंह (60 वर्ष) गाँव कनेक्शन से बातचीत में बताते हैं, “हमारे महरौनी से नाराहट सड़क 28 किमी. है, इस पूरे रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, देखने में सड़क कम नजर आती है। गांव वालों ने कई बार सड़क बनबाने की माँग की, लेकिन किसी ने नही सुना।“ वो आगे बताते हैं, “सरकार ने बजट दिया है, अब सड़कों की सूरत बदलने की उम्मीद जगी है, जब इतने साल परेशानी भोगी है तो थोड़ी और भोग लेगें।”

बुंदेलखंड की सात परियोजनाएं बजट के अभाव में ठंडे बस्ते में पड़ी थी और इस बार बजट मिलने से अधूरी परियोजनाएं पूरी होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। भौंरट बाँध परियोजना की बात करें तो यह परियोजना बजट के अभाव में अधूरी पड़ी है, किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया।

इस बारे में भैरा गाँव के इन्द्रपाल सिंह (42 वर्ष) बताते हैं, “नौ साल पहले 176 हेक्टेयर किसानों की भूमि की रजिस्ट्री बाँध वालों ने एक लाख एकड़ में करवा ली थी, और कहा कि जो पैसा बढ़ेगा, वो बाद में दिया जाएगा, कई किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। अब अधूरी परियोजना को बजट देने से हम जैसे सैकड़ों किसानों को आशा बढ़ी हैं कि हमारा भी रेट बढ़कर मिलेगा।”

फोटो साभार: इंटरनेट

दूसरी ओर, ललितपुर जिले के महरौनी के समाजसेवी निशांत जैन बताते हैं, “बजट में बुंदेलखंड के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है, बुंदेलखंड को एक्सप्रेस वे की सौगात देकर यूपी के ललितपुर को अछूता कर दिया, इसमें शामिल नही किया, साथ ही बुंदेलखंड में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कोई ध्यान नहीं रखा, अब ऐसे में किसान परेशान होकर पेट की खातिर पलायन तो करेगें ही।”

बेरोजगारों की बात कहते हुए निशान्त जैन आगे बताते हैं, “महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 100 करोड़ का बजट दिया और प्रदेश के तीन करोड़ युवा बेरोजगार हैं, इस बजट में किसान और बेरोजगारों के साथ एक छलावा है, जिस हिसाब से बुंदेलखंड की 19 सीटों पर कमल खिला, उसके हिसाब से बजट खरा नही उतरा।”

वहीं, किसान यूनियन के मण्डल उपाध्यक्ष कीरत बाबा बताते हैं, “किसानों की फसलें नष्ट हो गई, ओलावृष्टि से 70-80 प्रतिशत नुकसान हुआ, जिसकी भरपाई होनी चाहिए। आने वाली फसल के लिए गुणवत्ता परख बीज आना चाहिए, जो बुंदेलखंड की जलवायु के सापेक्ष हो।“ वह आगे बताते हैं, “बीज और खाद पर पूरी सब्सिडी होनी चाहिए, जिससे किसानों को उचित फायदा मिल सके। किसानों का पूर्णहित इस बजट से होने वाला नहीं हैं।”

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