यूपी बजट 2017: भाजपा की झोली भरने वाले बुंदेलखंड पर राहत की चंद छीटें

Rishi MishraRishi Mishra   11 July 2017 8:32 PM GMT

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यूपी बजट 2017: भाजपा की झोली भरने वाले बुंदेलखंड पर राहत की चंद छीटेंबुंदेलखंड को सिर्फ 200 करोड़ रुपए का बजट ( फोटो साभार: गांव कनेक्शन)

लखनऊ। खनिजों से खाली होती धरती की कोख और धन्नासेठों के भरते खजाने। बंजर जमीन और कर्ज में डूबे किसान। स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल। पलायन का जोर। रोजगार का नामोनिशान नहीं। कुछ ऐसा हाल है बुंदेलखंड का। मगर राज्य के बजट की ओर टकटकी लगा कर बैठे बुंदेलखंड के वाशिंदों को कुछ खास नहीं मिल सका।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल बुंदेलखंड के लोगों की बदहाली का दर्द राज्य के बजट में कुछ कम बांटते हुए नजर आ रहे हैं, जिस बुंदेलखंड ने राज्य सरकार को सभी 19 विधानसभा सीटों में जीत दिलवाई थी, उसी बुंदेलखंड को केवल 200 करोड़ रुपए का बजट अलग से दिया गया है। लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे को अब बुंदेलखंड को जोड़ने की घोषणा कर दी गई है, जबकि सरकार का वादा था कि अलग से बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन कर के इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास किया जाएगा।

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ऐसा नहीं है, बुंदेलखंड को लेकर जो भी वादे लोक कल्याण संकल्प पत्र में किये गये हैं। पांच साल में वे सारे वादे पूरे कर दिये जाएंगे। विकास बोर्ड का भी गठन होगा। वैसे मिनरल कमेटी के गठन, राष्ट्रीय पेयजल योजना के विस्तार का सबसे अधिक लाभ बुंदेलखंड क्षेत्र को ही मिलेगा।
राकेश त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

मगर पहले बजट में बुंदेलखंड के हिस्से उतना तो नहीं आता नजर आया, जितना इस क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी। बुंदेलखंड की बदहाली कहने के लिए चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती के अलावा सांसद सावित्रीबाई फूले मैदान में उतरी थीं, जिन्होंने बुंदेलखंड की बदहाली की कहानियां जनसभाओं में खूब पढ़ी थीं। अनेक वादे लोकल्याण संकल्प पत्र में भी उंकेरे गए थे। मगर पहले बजट में बुंदेलखंड पर खास नजर ओ करम नहीं नजर आ रहे हैं।

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महोबा के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता तारा पाटकर ने बताया कि, “उनको उम्मीद थी कि, इस बजट में बुंदेलखंड के लिए कुछ ऐसी घोषणाएं होंगी, जिससे यहां का विकास तेजी से होगा। पलायन रुकेगा। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, मगर बजट में ऐसा कुछ सामने आता हुआ नजर नहीं आ रहा है। अधिकांश योजनाएं जो पूरे प्रदेश के लिए हैं, उनमें बुंदेलखंड का भी हिस्सा होगा, मगर खासकर इस क्षेत्र के लिए कुछ भी विशेष अलग से नहीं दिया गया है।”

हमीरपुर के रहने वाले सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी सुभाषचंद्र मिश्र बताते हैं कि “अलग राज्य का वादा तो दूर की बात है वर्तमान सरकार बुंदेलखंड विकास बोर्ड के गठन का वादा पूरा करते हुए भी नजर नहीं आ रही है। उम्मीद करते हैं कि सरकार आगे कुछ और नई और बड़ी घोषणाएं कर के बुंदेलखंड का कुछ भला जरूर करेगी।”

बुंदेलखंड के लिए यूपी के बजट में

  • बुंदेलखंड के विकास के लिए अलग से 200 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया।
  • बेसहारा पशुओं( अन्ना पशुओं) के संरक्षण के लिए बजट में किया गया 40 करोड़ का प्रस्ताव।
  • लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को बुंदेलखंड से जोड़ा जाएगा। जिसको लेकर बजट प्राविधान किया।

     

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