उत्तर प्रदेश में जल्द ही बेसहारा गायों की सेवा करते नजर आएंगे उद्योगपति
गाँव कनेक्शन 7 Oct 2017 10:31 AM GMT
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले गोवंश के अच्छे दिन जल्द आएंगे। दरअसल यूपी सरकार ने उद्योगपतियों द्वारा सामाजिक कार्यों में ख़र्च किए जाने वाले सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड में गौ सेवा को भी शामिल कर लिया है।
इसके लिए सभी डीएम, कमिश्नर और जिम्मेदार विभागों को आदेशित किया गया है कि वे उद्योगपतियों को गौ सेवा के लिए सीएसआर फंड देने के लिए प्रेरित करें। उद्योगपतियों को गौ आधारित उद्योग लगाने के लिए भी प्रेरित करने का आदेश है।
जिसके बाद कहा जा रहा है कि सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले गोवंश के अच्छे दिन आने वाले हैं। बेसहारा गौवंश को बिजनेसमैन, उद्योगपति चारा खिलाते नज़र आएंगे। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए उद्योगपतियों को सामाजिक कार्यों में रकम ख़र्च करनी होती है जिसे सीएसआर कहते हैं।
सीएसआर के दायरे में गोसेवा
पांच करोड़ से ज्यादा मुनाफा कमाने वाली यूनिट को अपने मुनाफे का दो फीसदी सीएसआर पर ख़र्च करना होता है। यूपी सरकार ने अब गोसेवा को भी सीएसआर के दायरे में ले लिया है। अब सीएसआर के तहत मिलने वाली रकम से गायों के लिए शेल्टर होम बनाए जा सकेंगें।
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सरकार ने प्रशासन को दिए आदेश
सूबे की योगी सरकार नगर विकास, पंचायतीराज विभाग और सभी डीएम, कमिश्नर को गोसेवा के लिए उद्योगपतियों को प्रेरित करने का आदेश दिया है। गोमूत्र, गोबर आदि से बनने वाले उत्पादों पर आधारित उद्योग लगाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
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यूपी में बनाया गया गोसेवा आयोग
विधायकों, सांसदों को भी विकास के लिए मिलने वाले फंड को गोसेवा में लगाने को कहा गया है। योगी सरकार ने कुछ समय पहले ही गोसेवा आयोग बनाया है, जिसने ऐसा करने का सुझाव यूपी सरकार को दिया है।
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