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मनरेगा से रोजगार देने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे, राजस्थान को पीछे छोड़ा

कोरोना संकट के समय में मनरेगा में रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे निकल गया है। देश में मनरेगा के तहत कुल रोजगार में उत्तर प्रदेश की भागीदारी 18 फीसदी रही जो कि किसी भी राज्य से ज्यादा है।
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कोरोना संकट के समय में मनरेगा में रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे निकल गया है। राज्य में 15 जून तक 57 लाख 12 हज़ार मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं जो किसी भी राज्य से सबसे ज्यादा है।

देश में मनरेगा के तहत कुल रोजगार में उत्तर प्रदेश की भागीदारी 18 फीसदी रही जोकि किसी भी राज्य से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर राजस्थान रहा जहाँ 53.45 लाख मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं। राजस्थान ने मनरेगा रोजगार में कुल 17 फीसदी की भागीदारी अब तक दी है।

इसके बाद तीसरे नंबर पर 12 फीसदी भागीदारी के साथ 36.58 लाख मजदूरों को रोजगार देने में आन्ध्र प्रदेश रहा। इसके बाद पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश चौथे और पांचवें स्थान में हैं, दोनों ही राज्यों ने क्रमश: 26.72 और 23.95 लाख मजदूरों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराया। 

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उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश में अब तक 57.12 लाख मजदूरों के लिए मनरेगा में आठ करोड़ आठ लाख मानव दिवस सृजित किये गए हैं, मुख्यमंत्री जी ने 10 लाख अन्य रोजगार दिवस सृजित करने के आदेश दिए हैं और हम इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।”

लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में अब तक 35 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौट चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन प्रवासी मजदूरों के लिए प्रदेश में ही रोजगार सृजन को लेकर लगातार काम कर रहे हैं। प्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग करायी जा रही है ताकि उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गांव-गांव जाकर लाखों लोगों की ‘स्किल मैपिंग’ का देश में सबसे बड़ा महाभियान शुरू किया है,राजस्व विभाग द्वारा प्रवासियों के ‘स्किल’ (हुनर) का डाटाबेस बनाया जा रहा है, जिसके बाद MSME (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) विभाग द्वारा रोजगार, नौकरी दिलाने की कवायद होगी।     

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