लखनऊ में पिता ने ही की बेटी की 5 गोलियां मारकर हत्या, पढ़िए क्या था मामला

Abhishek SharmaAbhishek Sharma   12 Nov 2017 8:17 PM GMT

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लखनऊ में पिता ने ही की बेटी की 5 गोलियां मारकर हत्या, पढ़िए क्या था मामलालखनऊ में पिता ने ही की बेटी की 5 गोलियां मारकर हत्या

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित पीजीआई क्षेत्र में सिविल सेवा की तैयारी कर रही मार्टिन गुप्ता की पांच गोलियां मारकर घर में ही संदिग्ध हालात में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतका के घरवालों ने पुलिस ने घटना छिपाने के चक्कर में हत्या को हादसा बताने में जुटे थे, लेकिन रविवार को मार्टिन की मॉं मालती गुप्ता ने पुलिस को बेटी की हत्या करने के आरोप में पति राकेश गुप्ता को तहरीर दी।

पुलिस ने मृतका की मॉं की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपी हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

पीजीआई थाना प्रभारी एके राय का कहना है कि, पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है और मृतका की मॉं मालती की तहरीर में पति राकेश के ऊपर अपनी ही बेटी की हत्या की आशंका जताई है। इस आधार पर पुलिस ने राकेश को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड में परिवार के अन्य लोगों के शामिल होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया है। उधर इस हत्याकांड को हादसा बताने में शामिल परिवार वालों से भी पुलिस पूछताछ करेगी।

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पुलिस का कहना है कि, अगर राकेश ने अपनी ही लाइसेंसी रिवाल्वर से बेटी मार्टिन की पांच गोलियां मारकर हत्या की तो घरवालों को पूरे मामले की जानकारी तत्काल पुलिस को देनी चाहिए थी, लेकिन इससे बिल्कुल उलट घरवालों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए खुद ही ले गए, जहां से पूरे मामले की साजिश से पर्दा उठा। ज्ञात है कि,

पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के एल्डिको उद्यान 2 रहने वाले एक युवती मार्टिन गुप्ता की संदिग्ध हालात में पांच गोली लगने से मौत हो गई थी। युवती एमबीए करने के बाद सिविल सर्विस की तैयार कर रही थी। परिजनों ने उसे ट्रामा सेंटर पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। परिजनों युवती के आत्महत्या की बात कह रहे है जबकि परिस्थितियां हत्या का कहानी गढ़ रही थी। युवती के सिर में दो और शरीर में तीन गोलियां लगी थी। पुलिस ने युवती के पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर को जांच के लिए जब्त कर लिया था।

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परिवार के सम्मान के लिए उतारा मौत के घाट

पिता राकेश ने अपनी बेटी मार्टिन को बड़े लाड प्यार से पाला और उसे इस काबिल किया कि, वह समाज में अपनी एक अलग पहचान बना सके। पर मार्टिन को इस बात को बिल्कुल अंदेश नहीं था कि, पिता की पसंद से शादी न करने पर वह उसके जान के दुश्मन बन जाएंगे। सूत्र की माने तो पिता राकेश ने अपनी बेटी की शादी किसी बड़े घराने में तय की थी, लेकिन इस शादी से मार्टिन नाखुश थी। इसके चलते काफी समय से परिवार में विवाद चल रहा था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक शनिवार सुबह पिता-बेटी का विवाद शादी को लेकर इस हद तक बढ़ गया कि, पिता राकेश ने गुस्से में आकर मार्टिन पर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से पांच गोलियां दाग दी।

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जबकि घटना के वक्त अन्य घरवाले दूसरे कमरे में ही थे। खुद के हाथ से अपनी ही बेटी की हत्या का गुनाह छिपाने के लिए राकेश गुप्ता ने हत्या को हादसा बताने का प्रयास किया, लेकिन वह अपने इस गुनाह में कामयाब नहीं हो पाया। आरोपी पिता के खिलाफ उसकी ही पत्नी ने पीजीआई थाने में हत्या की तहरीर दे दी। इस आधार पर पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। जबकि पुलिस अभी इस पूरे मामले को ऑनर किलिंग से जोड़ कर भी जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि, पूरे मामले की विवेचना चल रही है, जिसके बाद ही हत्या की मुख्य वजह सामने आयेगी।

सोते वक्त मारी बेटी को गोली

घटना के वक्त मार्टिन गुप्ता अपने कमरे में सो रही थी, जबकि अन्य घरवाले कही बाहर निकलने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान पिता राकेश बेटी के कमरे में जाते हैं। कमरे में पिता बेटी को लेकर किसी बात को लेकर बहस हुई और राकेश ने अपना आपा खो दिया। इसके बाद उस कमरे में बिस्तर पर मार्टिन का शव कंबल से ढका मिला। जहां कंबल रिवाल्वर के कारतूस से जला हुआ था। इसके बाद ही पुलिस अंदेशा लगा रही है कि, हत्या के वक्त मार्टिन अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी।

बेटी की हत्या के बाद सुबह छोटे दामाद को पीजीआई अस्पताल से बुलाया

आरोपी राकेश ने अपनी बेटी की हत्या के बाद पीजीआई अस्पताल में स्टाफ नर्सिंग के पद पर तैनात बड़े दामाद को बेटी की हालत देखने को बुलाया। मौके पर राकेश के छोटे दामाद ने मार्टिन को खून से लथपथ बिस्तर पर पड़ा देखा। यह देख वह घबरा गए और उसे तत्काल ट्रामा ले जाने को कहा। जिसके बाद पूरा परिवार मार्टिन को केजीएमयू ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

11 बजे ट्रामा पहुंचा परिवार

मार्टिन को परिवार घायल समझ उसे केजीएमयू के ट्रामा सेंटर ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटी की मौत को पुलिस से छिपाने के लिए परिवार चोरी छिप्पे अंतिम संस्कार करने की सोच रहे थे, लेकिन उनकी इस उम्मीद पर पानी उस वक्त फिर गया जब डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पंचनामा भरने से हत्या का खुला राज

मार्टिन गुप्ता का शव शनिवार दोपहर जब परिवार केजीएमयू के पोस्टमार्टम हाउस ले गया, जिसके बाद पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने पंचनामा भरने के लिए मौके पर ट्रामा चौकी इंचार्ज को बुला लिया। चौकी इंचार्ज जैसे ही शव को कफन को हटाकर पंचनामा भरने जा रहे थे कि, तभी युवती के शरीर में गोलियों के निशान देखे। गोलियों के निशान को देख चौकी इंचार्ज ने परिवार से पूछताछ की तो सभी परिवार वालों से इसे सड़क हादसा बताया। जबकि चौकी इंचार्ज ने इसकी सूचना अपने चौक इंस्पेक्टर और पीजीआई पुलिस को दी। मामले की सूचना पाकर पीजीआई पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को अपने कब्जे में लिया और परिवारों वालों से पूछताछ की तो उन लोगों ने पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए कहा कहा कि, मार्टिन ने पिता राकेश की लाइसेंसी रिवाल्वर से खुदकुशी कर ली है।

हत्या के राज से पहले ही पुलिस ने मोबाइल किया सील

मार्टिन गुप्ता ने हत्या की एक रात पहले और शनिवार सुबह किन नम्बरों पर बात की यह एक राज की तरह दफन हो गया, क्योंकि पूरे प्रकरण में पुलिस ने मृतका के मोबाइल फोन की जांच करने से पहले ही उसे सील कर दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई से साफ अंदेशा है कि, वह आरोपी पक्ष को बचाने का प्रयास कर रही है।

हत्या की पहली सूचना जिले के एक सर्किल ऑफिसर को दी

सूत्रों की माने तो राकेश गुप्ता की बेटी मार्टिन गुप्ता लंबे समय से सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी, लेकिन उसका सेलक्शन नहीं हो पा रहा था। इस दौरान मार्टिन की एक महिला दोस्त बनी और देखते ही देखते दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गये। इस बीच मार्टिन की दोस्त का पीपीएस में चयन हो गया। मौजूदा वक्त में उसकी दोस्त राजधानी लखनऊ में ही सर्किल ऑफिसर है। पुलिस सूत्रों की माने तो मार्टिन की हत्या होने की सूचना परिवारों वालों ने उस सीओ को दी। जिसके बाद गुपचुप तरीके से वह सीओ अपनी दोस्त के घर गये। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टी कोई भी अधिकारी करने को तैयार नहीं है, क्योंकि अगर इस बात में एक प्रतिशत भी सच्चाई है तो वह सीओ भी उतने की मार्टिन की हत्या को छिपाने में जिम्मेदार है, जितना की उसका परिवार। सूत्रों की माने तो सीओ अपनी गर्दन बचाने के लिए एक आईपीएस स्तर के भी अधिकारी से मिले, जिससे उन्होंने पूरे घटना की चर्चा की थी। देखने वाली बात होगी कि, पुलिस जांच में रहस्मय सीओ के नाम का खुलासा जांच अधिकारी करते है कि नहीं।

आखिर पुलिस किसे बचाना चाह रही थी

पीजीआई में मार्टिन गुप्ता की हत्या में लखनऊ पुलिस पर सवालियां निशान जरुर खड़े दिए हैं कि, आखिर जिस मामले को कोई आम आदमी भी हत्या बता सकता था, उसे राजधानी पुलिस के मुखिया आत्महत्या मान कर आखिर क्यों चल रहे थे। पुलिस के इस रवैये पर यह सवाल जरुर उठता है कि, मृतका की मां अगर अपने पति के खिलाफ हत्या की तहरीर न देती तो क्या पीजीआई पुलिस इस हत्या को आत्महत्या की मान कर चलती।

पति को बीपी की है परेशानी

मार्टिन गुप्ता की मां से जब पीजीआई पुलिस ने सवाल किया कि, घर में पांच गोलियां चल गई और आपको पता भी नहीं चला। इस पर उन्होंने पुलिस को जवाब दिया कि, मेरे घुटनों में परेशानी है, जिसके चलते मैं घर के ऊपर वाले माले पर जल्दी नहीं जाती हूं, लेकिन पांच गोलियों की आवाज सुनकर पहुंची तो पाया कि उनकी बेटी खून से लथपथ थी। इस बाबात मां मालती गुप्ता ने कहा कि, मेरे सामने पति राकेश ने गोली नहीं मारी और अगर मारी भी होगी तो उन्हें ब्लड प्रेशर की लंबे समय से परेशानी थी, जिसके चलते वह छोटी-छोटी बातों पर भी जल्दी गुस्सा हो जाते थे। लेकिन मालती गुप्ता ने पुलिस को यह नहीं बताया कि, बाप-बेटी के बीच आखिर किस बात को लेकर टकराव चल रहा था कि, मामला बेटी की हत्या करने तक पहुंच जायेगा।

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