एक पुलिसकर्मी की मदद से अब अपने पैरों पर चल पाएगा दिव्यांग शिवा
गाँव कनेक्शन 28 Nov 2017 6:04 PM GMT
सोनभद्र। पुलिस का नाम सुनते ही हमारे जेहन में सबसे पहले एक नकारात्मक छवि बनकर आ जाती है। लेकिन ऐसा ही हो, ये जरूरी नहीं है। ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी हैं भारत भूषण। इन्होंने मानवीयता की ऐसी मिसाल कायम की है जिसे जानने के बाद आप भी उनकी सराहना करने से खुद को नहीं रोक पाएंगे।
सोनभद्र के शक्तिनगर थानाध्यक्ष भारत भूषण तिवारी ने बेहद गरीब आैर दोनों पैरों से दिव्यांग बच्चे की स्कूल की फीस भरने की जिम्मेदारी ली।साथ ही उसका पैर लगवाने का बीड़ा उठाया।
कौन है शिवा
अभी कुछ दिनों पहले शक्तिनगर में तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। उसमें एक छोटा सा बच्चा भी आया था जो दोनों पैरों से दिव्यांग था। शिवा उस कार्यक्रम में आए थाना अध्यक्ष भारत भूषण का पैर छूकर चला गया। वहीं पुलिसकर्मी भारत भूषण तिवारी की शिवा से पहली बार मुलाकात हुयी। उसके बाद से शिवा उनके दिमाग में बस सा गया। अंत में उन्होंने उस बच्चे के बारे में पता लगाना शुरू किया। तो पता चला कि शक्तिनगर थाना के मिश्रा गांव निवासी उस बच्चे का नाम शिवा विश्वकर्मा (09वर्ष) है जो कक्षा 5 का विद्यार्थी है। वो दोनों पैरों से दिव्यांग है आैर बेहद गरीब भी है। शिवा के सिर को मां का आंचल भी नसीब नहीं है।
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#uppolice @sonbhadrapolice के थाना शक्तिनगर थानाध्यक्ष BB Tiwari ने जब दोनों पैरों से विकलांग बच्चे की पढ़ाई में रुचि देखी तो उसका सपना उन्होंने अपनी आँखों से देखा और उसकी पढ़ाई पूरी कराने की जिम्मेवारी उठाने हेतु उसकी पूरी स्कूल फीस भरने का प्रण लिया।@Uppolice @upcoprahul pic.twitter.com/4HJPNudQ2m
— ADG ZONE AGRA (@adgzoneagra) November 17, 2017
चार साल पहले शिवा को उसकी माँ गोद में लेकर रेलवे लाइन पार कर रही थीं। उसी समय ट्रेन की चपेट में आ जाने से मां की माैत हो गयी। उस घटना में शिवा का दोनों पैर कट गया। शिवा रोज तीन किलोमीटर दूर किसी तरह खड़िया के आदर्श शिक्षा निकेतन में पढ़ने जाता है। पिता वेदांती विश्वकर्मा मजदूरी करते हैं। थानाध्यक्ष भारत भूषण ने इस बच्चे के पढ़ाने की फीस सहित सारा खर्चा निर्वहन करने का बीड़ा उठाया।
भारत भूषण ने शिवा के दोनों पैरों को लगवाने की जिम्मेदारी ली है। इसके लिए शिवा को बीएचयू ट्रामा सेण्टर भिजवाया गया है जहां उसका प्राथमिक उपचार करवाने के बाद एंडोलिट प्रोस्थेटिक एण्ड अर्थोटिक सेण्टर के द्वारा पैरों की जाँच करने के बाद उसको नापा गया है।
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भारत भूषण ने बताया “पंद्रह दिन बाद बच्चे का कृत्रिम पैर बनकर आ जायेगा इसके बाद बच्चा पहले जैसा चलने लगेगा।” इस दाैरान आने वाला सभी खर्च भारत भूषण खुद निर्वहन करेंगे।
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