उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों की आर्थिक मदद के लिए आज (13 जून) 10 लाख से ज्यादा मजदूरों के बैंक खातों में 1000-1000 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किये। कोरोना संकट के समय में प्रदेश सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों और कामगारों को तीसरी बार यह आर्थिक मदद मिली है।
इससे पहले अप्रैल और मई माह में प्रदेश सरकार ने 19 लाख से ज्यादा मजदूरों के बैंक खातों में 1000-1000 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किये थे। इसी चरण में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10.48 लाख से ज्यादा मजदूरों के खातों में 104 करोड़ 82 लाख रुपए ऑनलाइन हस्तांतरण किये।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की और उन्हें सरकार की ओर से रोजगार के लिए भी हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
प्रवासी श्रमिकों/कामगारों के खातों में प्रति परिवार ₹1000 की दर से कुल ₹104 करोड़ 82 लाख का ऑनलाइन हस्तांतरण… श्रमिक/कामगार हैं प्रदेश की शान सदैव बना रहे उनका आत्म-सम्मान… https://t.co/jUxSF11GKQ
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 13, 2020
उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा राहत सहायता योजना के तहत कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों और कामगारों के बैंक खातों में 1000-1000 रुपए की धनराशि तीन महीनों तक दिए जाने का फैसला किया था ताकि वे अपनों की भरण पोषण सम्बन्धी जरूरतें पूरी कर सकें।
आज मजदूरों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मजदूरों के लिए प्रदेश में ही रोजगार की व्यवस्था किये जाने की बात दोहराई। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम अपने ही प्रदेश में गाँव के भी हर मजदूर को रोजगार दिलाएंगे और इसके लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।” इस बीच मुख्यमंत्री ने मजदूरों से उनकी रोजगार सम्बन्धी समस्याओं और सरकारी राशन मिलने के बारे में भी सवाल किये।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की और उन्हें सरकार की ओर से रोजगार के लिए भी हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
अब तक करीब 35 लाख मजदूर दूसरे राज्यों और शहरों से वापस उत्तर प्रदेश में लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने इससे पहले कहा कि प्रदेश में आने वाले प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को 1,000 रुपए भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराने का जो कार्य हो रहा है, यह शासन के लोक कल्याणकारी कार्यक्रम को एक नई दिशा देता है।
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