उत्तर प्रदेश में ग्रामीण बच्चों को जल्द ही मिलेगा खेल मैदान का तोहफा 

Ashwani Kumar DwivediAshwani Kumar Dwivedi   31 March 2018 1:37 PM GMT

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उत्तर प्रदेश में ग्रामीण बच्चों को जल्द ही मिलेगा खेल मैदान का तोहफा फोटो साभार: गाँव कनेक्शन

लखनऊ। योगी राज में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने ग्रामीण बच्चों को खेल के मैदान का तोहफा देने की तैयारी कर ली है, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सरकार का आदेश है कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक राजस्व गांव में बच्चों के लिए खेल मैदान बनाए जाएं।

इसके लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी राजस्व गांवों में खेल मैदान के लिए जमींन चिन्हित करने के आदेश दिए हैं। जिन गांवों में पहले से खेल के मैदान आरक्षित हैं, वहां पर खेल मैदान विकसित करने के साथ-साथ जिन गांवों में खेल मैदान नहीं हैं, वहां पर प्रदेश के समस्त उपजिलाधिकारियों को प्रत्येक राजस्व गांव में कम से कम एक एकड़ भूमि खेल मैदान के लिए आरक्षित करने के आदेश दिए गए हैं।

लखनऊ के बख्शी का तालाब के तहसीलदार विवेकानंद मिश्रा बताते हैं, “सरकारी आदेश के अनुपालन में तहसील में अब तक 25 खेल मैदान चिन्हित कर लिए गए हैं और चिन्हित खेल मैदानों को विकसित करने के लिए खंड विकास अधिकारी के पास प्रस्ताव भेज दिया गया है, शेष राजस्व गांवों में खेल मैदान के चिन्हीकरण की प्रक्रिया चल रही है।“

बीकेटी के ही कुनौरा गाँव स्थित भारतीय ग्रामीण विद्यालय के प्रबंधक व सेवानिवृत भू-वैज्ञानिक शिव बालक मिश्रा बताते हैं, “हमारे गांव में वर्ष 2016 में जिला प्रशासन द्वारा बेनामी जमीन को निरस्त करके खेल मैदान के लिए 1.88 हेक्टेयर जमींन आरक्षित की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे इस जमीन को ग्रामीण फिर से अतिक्रमित कर रहे हैं। मगर अब उपजिलाधिकारी बीकेटी को यहां ग्रामीण बच्चों के लिए खेल मैदान विकसित कराने के लिए प्रस्ताव दिया गया है और उन्होंने जल्द ही इस पर कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया है।“

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उन्होंने आगे कहा, “सरकार की यह योजना स्वागत योग्य है, यहां पर एक इंटर कॉलेज है और सरकारी विद्यालय भी है, खेल मैदान बनने से खेल में रुचि रखने वालो बच्चों को अवसर मिलेंगे और जो बच्चे जगह के अभाव में खेल नहीं पा रहे थे, उन्हें अवसर मिलेगा।“

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में ‘महिला कबड्डी लीग’ के संस्थापक नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान बताते हैं, “ग्रामीण क्षेत्रों के बालक-बालिकाओं में क्षमताएं बहुत हैं, इस समय महिला कबड्डी लीग का कार्यक्रम पूरे उत्तर प्रदेश में चल रहा है। अप्रैल में उत्तर प्रदेश की ग्रामीण क्षेत्र की बेटियां फाइनल मैच में मुख्यमंत्री और राज्यपाल की मौजूदगी में अपना दमखम दिखाएंगी, सरकार का ग्रामीण क्षेत्र मंं गांवों में खेल मैदान बनाने का निर्णय स्वागत योग्य है, अगर ये योजना सही से धरातल तक पहुंची तो निश्चित रूप से ग्रामीण बच्चों की खेल में रुचि बढ़ेगी।“

इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्मलाल बताते हैं, "प्रदेश में 20,000 खेल मैदान राजस्व अभिलेखों में आरक्षित हैं, जिन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश दिए गए हैं, इसकी प्रक्रिया चल रही है।"

आगे बताते हैं, "साथ ही अब तक करीब आठ हजार खेल मैदान अलग से चिन्हित किए गए हैं और इसकी बराबर निगरानी भी विभाग की ओर से की जा रही है।"

बातचीत में उप भूमि व्यवस्था आयुक्त ने ये भी बताया, "खेल मैदान विकसित करने के लिए राजस्व के पास कोई फंड नहीं है। इसे गांवों में अन्य विभागों की तरफ से आने वाली विभिन्न विकास निधियों के तहत विकसित कराया जाएगा। खेल मैदान किस स्तर का होगा, यह भूमि की उपलब्धतता पर निर्भर करेगा, खेल विभाग की मदद से भी खेल मैदान विकसित कराया जा सकता है।"

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