काशी में ध्वस्तीकरण कार्य को लेकर विधानसभा में हंगामा

वाराणसी में काशी विश्वनाथ गलियारा परियोजना के लिये कथित रूप से मंदिरों के ध्वस्तीकरण के मुद्दे को लेकर बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई

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काशी में ध्वस्तीकरण कार्य को लेकर विधानसभा में हंगामा

लखनऊ। वाराणसी में काशी विश्वनाथ गलियारा परियोजना के लिये कथित रूप से मंदिरों के ध्वस्तीकरण के मुद्दे को लेकर बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

सपा सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद द्वारा क्षेत्र की विकास योजना, सेक्टर योजना तथा पुनर्वास योजना से सम्बन्धित सवाल किये, जिसका धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने जवाब दिया। हालांकि शतरुद्र उससे संतुष्ट नहीं दिखे।

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इसी बीच, कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह ने मंत्री से जानना चाहा कि गलियारा परियोजना के लिए कितने मंदिर तोड़े गये हैं और ध्वस्तीकरण कार्य में तोड़े गए मंदिरों के अवशेषों को कहां रखा गया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के लंका क्षेत्र में बड़ी संख्या में शिवलिंगों को मलबे में फेंककर उनका अपमान किया जा रहा है।

इस पर मंत्री चौधरी ने कहा कि मंदिर तोड़ने का काम हमारा नहीं हैं। हमारा काम तो मंदिर बनाने का है। परियोजना के लिये मकानों के ध्वस्तीकरण कार्य के दौरान अब तक 40 मंदिर सामने आ चुके हैं। उनमें लगातार पूजा की जा रही है और दर्शनार्थी दर्शन कर रहे हैं। एक भी मंदिर नहीं तोड़ा गया, बल्कि प्राचीन मंदिरों की भव्यता को बनाये रखने के लिये ही हमने यह परियोजना शुरू की है।


सपा सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि मंदिर नश्चिति रूप से तोड़े गये हैं। करीब 50 शिवलिंग तोड़े गये हैं। वाराणसी में मकानों में मंदिर बनाये जाने का इतिहास है। लोगों ने बाहरी हमलों से बचाने के लिये मंदिरों को अंदर लेकर उनके आसपास मकान बना लिये थे। उन्होंने कहा कि मंत्री सवालों का जवाब नहीं दे सके हैं, लिहाजा इसे प्रश्न संदर्भ समिति के पास भेज दिया जाए।

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इस पर नेता सदन उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि अच्छे काम करने के लिये साधुवाद देने के बजाय विपक्ष मंदिर के विकास कार्य और भक्तों के लिये सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं में व्यवधान उत्पन्न करने के लिये इस तरह के वक्तव्य दे रहा है। मंदिरों के जो अवशेष प्राप्त हुए हैं उनमें पुजारियों के जरिये पूजा कार्य किया जा रहा है। मंदिरों का विकास कार्य रोकने के लिये विपक्ष इस प्रश्न को संदर्भ समिति के पास भेजने की मांग कर रहा है।


इस पर, सपा सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने नेता सदन से पूछा कि क्या इस प्रश्न के संदर्भ समिति में भेजे जाने से यह हिंदू विरोधी हो जाएगा? इस बीच, कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह ने पीठ से आग्रह किया कि इस सिलसिले में एक निरीक्षण समिति गठित कर दी जाए, ताकि उसकी पड़ताल से पता लग सके कि शिवलिंगों का किस कदर अपमान किया गया है। अपनी मांग को लेकर सिंह सदन के बीचोंबीच आ गये। इसी दौरान उनके साथ बसपा से असम्बद्ध सदस्य नसीमुद्दीन सिद्दिकी भी आसन के पास आ गये और आरोप लगाया कि नेता सदन ने कहा है कि सभापति रमेश यादव इस प्रश्न को संदर्भ समिति को नहीं भेज सकते।

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