बुंदेलखण्ड का जल संकट दूर करेगा जल मंच
गाँव कनेक्शन 28 Dec 2017 5:21 PM GMT
शाहिद खान, गाँव कनेक्शन
ओरछा (मध्यप्रदेश)। जिस तरह से बुंदेलखण्ड में पानी की समस्या से जूझ रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो पीने लिए भी पानी नहीं मिलेगा। इसी समस्या से निपटने के लिए बुंदेलखंड के 13 जिलों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर जल मंच का गठन किया है।
बुंदेलखंड में इसलिए जल जन जोड़ो अभियान चलाया जा रहा है। जल जन जोड़ो के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा, “वर्तमान में बुंदेलखण्ड गम्भीर जल संकट के दौर से गुजर रहा है, जिसके कारण किसानी चौपट है। किसान निराशा के कारण आत्महत्या कर रहा है। दूसरी तरफ सदमें से भी किसानों की मौतें बड़े पैमाने पर हो रही हैं। जाड़े में ही कुएं सूख गए हैं। सिंचाई की तो बात दूर की रही पेयजल के लिए भी पानी नहीं है, ऐसे में जल को बचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।”
कार्यक्रम में उपस्थित बुंदेलखण्ड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा ने कहा, “किसान बड़े पैमाने पर खेती छोड़ने को विवश हैं, बच्चियों की शादी नहीं कर पा रहे हैं और लड़कों की भी शादी नहीं हो रही है। बुंदेलखण्ड के हालात बहुत चिन्तनीय है।”
यह मंच बुंदेलखण्ड में 13 जिलों के 7000 से अधिक गाँव में जल से जन को जोड़ने का काम करेगा। जल मंच निकट भविष्य में किसान सम्मेलन का आयेाजन झांसी में होगा, जिसमें वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे उपस्थित रहेंगे।
चित्रकूट से आए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अभिमन्यु ने कहा, “बुंदेलखण्ड में सभी को मिलकर एक फोरम के निर्माण की आवश्यकता है, जिसके लिए बुंदेलखण्ड जल मंच का गठन होना चाहिए। सभी वर्गों को मिलकर बुन्देलखण्ड को पानीदार बनाने का काम करना चाहिए। बुंदेलखण्ड जल मंच के निर्माण की वर्तमान समय में सबसे महती आवश्यकता है।”
बुंदेलखण्ड को बचाने का वक्त
ग्रामोदय विश्व विद्यालय के समाजकार्य विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. विनोद शंकर सिंह ने कहा, “बुंदेलखण्ड जल मंच से सभी वर्गों को जोड़ने की आवश्यकता है। विशेषतौर से युवाओं को युवा अगर जल मंच से जुड़ेंगे तो निश्चत तौर से बुंदेलखण्ड जल संकट का समाधान होगा।” वरिष्ठ पत्रकार और एडीआर के राज्य समन्वयक अनिल शर्मा ने कहा, “अभी बुंदेलखण्ड को बचाने का वक्त है। इस समय सभी को मिलकर जल मंच को मजबूत बनाने को प्रयास करना चाहिए।”
हमको जमीन पर काम करने की जरूरत
कबीर फाउडेशन के राजेन्द्र सिंह ने कहा, “प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह से जनता के अधिकारों को कुचलने में लगी हुई है। मध्यप्रदेश सरकार ने तालाबों के चिन्हांकन एवं सीमाकंन का कार्य जल पुरुष राजेन्द्र सिंह के दबाव में शुरू किया।” कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता रामकृष्ण शुक्ल ने कहा, “बुन्देलखण्ड में निराशा एवं हताशा का दौर लगातार बढ़ रहा है जो हम सबके लिए चिंता का विषय है इसको कम करने के लिए न कोई सरकारी प्रयास दिखाई दे रहे हैं न ही सामाजिक प्रयास, ऐसे में बुंदेलखण्ड जल मंच की पहली आवश्यकता होगी कि लोगों में भरोसा कायम करे इसके लिए जमीन पर काम करने की आवश्यकता है।”
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