बाराबंकी। घाघरा नदी का जलस्तर पिछले 24 घण्टे में तेजी से बढ़ा है। जिससे तटवर्ती गांवों के ग्रामीण दहशत में हैं। वहीं तटवर्ती कई गांवों के लोग गांव छोड़कर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन बाढ़ क्षेत्र में बचाव राहत के लिए जुटा है। तहसीलदार ने बाढ़ पीड़ितों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की बात कही है।
रविवार तक स्थिर रहने वाली घाघरा नदी फिर उफान पर है। पिछले 24 घंटे में जलस्तर बहुत तेजी से फैला है। पिछली रात पानी का स्तर काफी बढ़ा है। इससे तटवर्ती 12 से ज्यादा गांवों के लोगों में दहशत फैल गई है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं। कचंनापुर, हेतमापुर, सरसण्डा, जमका, खुज्जी, बाबा पुरवा, बेलहारी, सुन्दर नगर, बलईपुर जैसे गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। सोमवार रात से ही इन गांवों में पानी भरा है। इन गांवों के लोग पलायन कर तटबंध पर बसने लगे हैं।
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जलस्तर वृद्धि देख कोडड़ी, मदरहा, गोड़ियनपुरवा, माधव पुरवा, पर्वतपुर, चौधरीपुरवा, बबुरी, साईन ताकिया, कोयली पुरवा, सकतापुर, नया पुरवा, गाय घाट, मोहड़िया, पूरनपुर, फाजिलपुर जैसे गांव भी जल्द ही बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। बुधवार सुबह 10:30 बजे तक घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर रहा।
ऐसे में यहां रहने ग्रामीण भयभीत हैं। वहीं तहसील दार रामनगर, ने ट्रैक्टर पर बैठकर कचंनापुर गांव जाकर बाढ़ पीड़ितों का जायजा लिया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी। तहसील प्रशासन की मानें तो बाढ़ बचाव हेतु तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।
मंगलवार देर शाम एसडीएम अभय कुमार पांडेय ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। लेकिन तटबंधों पर बसे ग्रामीणों को मूलभूत समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से वहां न तो नल लगवाए गए हैं और न ही शौचालय है, ऐसे में वहां रह रहे परिवारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार को सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह बाराबंकी दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने हेतमापुर में स्थापित राहत शिविर का जायजा लिया।