पढ़िए, आखिर क्यों शिवपाल ने की अलग पार्टी बनाने की घोषणा, मुलायम क्यों आ सकते हैं भाई के साथ

Shefali SrivastavaShefali Srivastava   5 May 2017 4:12 PM GMT

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पढ़िए, आखिर क्यों शिवपाल ने की अलग पार्टी बनाने की घोषणा, मुलायम क्यों आ सकते हैं भाई के साथनई पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव हो सकते हैं 

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में हाशिए पर चल रहे शिवपाल यादव ने अपने अलग गुट का ऐलान कर दिया है। शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से अलग समाजवादी सेक्युलर मोर्चा की आधिकारिक घोषणा की। साथ ही यह भी कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हो सकते हैं।

मुलायम के परिवार में दो खेमे हैं। हार के बाद अपर्णा यादव ने भी कहा था कि मुलायम सिंह को अध्यक्ष पद लौटा दिया जाना चाहिए। मुलायम के परिवार में वे, उनकी दूसरी पत्नी साधना यादव और छोटे बेटे प्रतीक यादव, बहू अपर्णा यादव और शिवपाल एक तरफ हैं जबकि रामगोपाल यादव परिवार के इस विवाद में शुरू से ही मुलायम और शिवपाल के खिलाफ अखिलेश के साथ खड़े हैं।

पिछले कई महीनोें से समाजवादी पार्टी में चल रहा घमासान यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का कारण भी बना। इसके बाद से ही शिवपाल के अलग पार्टी बनाने की चर्चा होने लगी थी। शिवपाल ने खुद कहा भी था कि 11 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद वे अलग पार्टी बनाने का निर्णय लेंगे।

गौरतलब है कि पिछले साल कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर अखिलेश और शिवपाल में रार आ गई थी।

यह बात तब सामने आई थी जब पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कौएद का सपा में विलय रोकते हुए अपने चाचा व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव समेत पांच मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही ये भी कहा था कि जो अमर सिंह का करीबी है वो जाएगा।

ये विवाद टिकट बंटवारे के बाद और बढ़ता गया, जब 325 उम्मीदवारों की लिस्ट में अखिलेश के करीबियों का पत्ता काट दिया गया। इसके बाद अखिलेश ने अपनी लिस्ट जारी कर दी। मुलायम ने बाद में अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अखिलेश और रामगोपाल यादव को सपा से निकाल दिया, लेकिन 24 घंटे के अंदर फैसला रद्द कर दिया।

इसके बाद नए साल के मौके पर रामगोपाल यादव ने अमर सिंह को सपा से और शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया था। इसके बाद अखिलेश सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुलायम सिंह को सपा का सरंक्षक बनाया गया।

जानिए शिवपाल के अलग पार्टी बनाने की मुख्य वजहें

  • अखिलेश और शिवपाल के बीच मुख्य विवाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर था। शिवपाल यादव चाहते थे कि अखिलेश पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दें और मुलायम सिंह यादव दोबारा पार्टी का नेतृत्व करें। उन्होंने हाल ही में कहा था कि अखिलेश ने पार्टी की कमान फिर नेता जी को नहीं सौंपी तो वे अपना नया दल बना लेंगे।
  • अखिलेश के यूपी चुनाव में टिकट बंटवारे के वक्त भी काफी विवाद हुआ था। उन्होंने न सिर्फ चाचा के करीबियों को किनारे लगा दिया था बल्कि नेताजी के करीबियों को भी ठिकाने लगा दिया।
  • विधानसभा चुनावों के दौरान सपा-कांग्रेस के गठबंधन से भी शिवपाल खुश नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा था कि ये साजिश है और वे कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगे।

मुलायम क्यों जुड़ सकते हैं शिवपाल से

  • अखिलेश -शिवपाल विवाद में मुलायम हमेशा शिवपाल के ही सपोर्ट में नजर आए।
  • यहां तक कि पहले विवाद के बाद एक मीटिंग बुलाकर अखिलेश और शिवपाल के बीच बात करवाई और दोनों को गले भी मिलवाया। हालांकि इस दौरान भी दोनों में गहमागहमी हुई थी।
  • वहीं नए साल के मौके पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए जाने के कारण भी मुलायम सिंह खासे नाराज़ हुए थे। इस वजह से मुलायम और अखिलेश समर्थक दो खेमे में बंट गए थे।
  • अमर सिंह को पार्टी से हटाए जाने पर मुलायम नाखुश थे।
  • अखिलेश से मुलायम की नाराजगी ही थी कि यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान मुलायम सिंह ने अपने भाई शिवपाल और छोटी बहू अपर्णा के लिए ही प्रचार किया था। इसके अलावा उन्होंने किसी प्रचार अभियान में भाग नहीं लिया।

        

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