अपने पापा से लड़कर घर में बनवाया शौचालय : रीना मौर्या

Diti BajpaiDiti Bajpai   19 Nov 2017 1:19 PM GMT

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अपने पापा से लड़कर घर में बनवाया शौचालय  :  रीना मौर्याउत्तर प्रदेश प्रतिदिन शौचालय निर्माण के मामले में सबसे आगे है।

श्रावस्ती। भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान पर जहां प्रदेश सरकारें करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं रीना मौर्या (13 वर्ष) इस अभियान को अपने प्रयासों से गति दी है। इन्होंने न सिर्फ अपने घर में शौचालय बनवाया बल्कि पूरे गाँव को प्रेरित करके शौचालय बनवाया है। आज विश्व शौचालय दिवस है।

"पहले जब हम नहीं पढ़ रहे थे, तो हम खुले में शौच के लिए जाते थे। मीना कार्यक्रम में हमको बताया गया कि खुले में शौच करना गलत है। जब हम जून की छुट्टियों में अपने घर गए तो बाहर जाना पड़ा वो अच्छा नहीं लगा तब मैंने अपने घर में पापा से लड़कर शौचालय बनवाया।" रीना ने बताया।

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उत्तर प्रदेश प्रतिदिन शौचालय निर्माण के मामले में सबसे आगे है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश में अब तक 16 लाख शौचालय बन चुके हैं और छह जिलों को पूर्णरूप से ओडीएफ घोषित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा शौचालय बने हैं। प्रतिदिन शौचालय बनवाने के मामले में दूसरे नम्बर पर मध्य प्रदेश और तीसरे नम्बर पर राजस्थान है।

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श्रावस्ती जिले के सिरसिया ब्लॅाक में स्थित कस्तूरबा गांधी आवसीय बालिका विद्यालय में रीना आठवी में पढ़ाई कर रही है। खुले में शौच जाने में आने वाली समस्याओं के बारे में रीना बताती हैं, "जब हम शौच के लिए जाते थे तो हमको बहुत दिक्कत होती थी क्योंकि लड़के आदमी बहुत चक्कर लगाते थे। इसलिए मैंने गाँवों को बताया कि शौचालय बनवाए ताकि हमारे साथ ऐसी दिक्कतें न आए। गाँव में अभी कुछ लोगों ने नहीं बनवाए है।"

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन के जरिये साफ-सफाई की स्थिति में काफी प्रगति हुई है। इसके तहत अक्टूबर 2014 से नवंबर 2017 के बीच 5.2 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया। 'आउट ऑफ ऑर्डर' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि खुले में शौच को कम करने और बुनियादी साफ-सफाई की स्थिति में सुधार के मामले में भी भारत 10 शीर्ष देशों में शामिल है।

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कस्तूरबा गांधी आवसीय बालिका विद्यालय सिरसिया की वार्डन शशि किरण सिंह बताती हैं, "बच्चों को मीना मंच कार्यक्रम के जरिए खुले में शौच, बाल विवाह, बालश्रम जैसे कई मुद्दों के बारे में बताया जाता है, जिससे वो अपने आस-पास में बदलाव कर सकें। रीना एक सशक्त लड़की है इसने अपने गाँव में शौचालय बनवाने के लिए बहुत प्रयास किए है।"

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रीना के इस प्रयास में पहले उसके परिवार वालों ने साथ नहीं दिया था। "जब हम गाँव में हम शौचालय बनाने के बारे बोलते थे तो लोग कहते थे 'तुम क्या समझाओगी हम लोगों को' फिर उन्हीं के घर की लड़कियों ने बोला तो शौचालय बने।" रीना ने बताया, "अब मेरे परिवार वाले भी कुछ नहीं बोलते है और मुझे अच्छा लगता है कि ल्रड़कियों को शौच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है।"

जहां रीना अपने गाँव में प्रयास कर रही है वहीं कानपुर जिले के शुक्लागंज कंचननगर मोहल्ले में रहने वाली 17 वर्षीय मानसी दिवेदी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को सफल बनाने के लिए एक टीम बनाकर स्कूल-स्कूल जाकर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का सन्देश दे रही हैं। मानसी के प्रयास के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें सम्मानित भी किया है।

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