बच्चे रो रहे थे…इसलिए उन्हें मार डाला!

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गणेशजी वर्मा 

लखनऊ। बच्चे खेलने की ज़िद कर रहे थे, पिता ने खेलने से मना किया तो बच्चों ने रोना शुरू कर दिया। नाराज पिता ने दोनों बच्चों की तकिये से दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी पिता ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया और अपना गुनाह भी क़बूल कर लिया।

दिल दहला देने वाली ये वारदात लखनऊ के खाला बाज़ार इलाके की है। एएसपी पश्चिम सर्वेश कुमार मिश्र के मुताबिक़ आरोपी अभिनेष बाजपेई अपनी ढाई साल की बेटी दिव्यांशी और दस महीने के बेटे छोटू की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुद थाने आया था और वारदात की बात कबूल की है।

इटौंजा थाना क्षेत्र के कुम्हरावां गांव का निवासी अभिनेष बाजपेई बाल एवं महिला चिकित्सालय प्रयाग नारायण रोड में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है। दस महीने पहले बेटे को जन्म देते वक्त अभिनेश की पत्नी सुषमा की इटौंजा सीएचसी में मौत हो गई थी। इसके बाद वह अपनी ढाई साल बेटी दिव्यांशी और दस महीने के दुधमुंहे बेटे छोटू को लेकर बाजारखाला क्षेत्र के तिलकनगर ऐशबाग में सरोज तिवारी के मकान में किराये पर रहता है। कुछ समय से अभिनेश के बड़े भाई अभिषेक की पत्नी दीपा बच्चों की देखभाल के लिए यहीं रुकी थी। बच्चों से मारपीट से दुखी होकर दीपा बृहस्पतिवार की सुबह नाराज होकर अपने मायके चली गई इसके बाद आरोपी ने दोनों बच्चों की हत्या कर दी।

एएसपी पश्चिम सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया, “अभिनेष ने थाने आकर ये बताया कि गुरुवार की सुबह बेटी दिव्यांशी ने बाइक पर घूमने की जिद की तो उसने बच्ची की पिटाई कर दी, जिसका दीपा ने विरोध किया तो अभिनेष उनसे भी झगड़ गया। झगड़े के बाद नाराज दीपा पीजीआई के एल्डिको कॉलोनी अपने मायके चली गई। इससे उसका गुस्सा और बढ़ा गया और उसने दोनों बच्चों को कमरे में ले जाकर पहले छोटू फिर दिव्यांशी की गला दबाकर हत्या कर दी।”

दोनों शवों को कमरे में छोड़कर आरोपी नाका थाने पहुंचा और पूरी वारदात की जानकारी दी। थानाध्यक्ष नाका धीरेन्द्र कुमार यादव ने अभिनेष को हिरासत में लेने के बाद बाजारखाला पुलिस को सूचना दी। इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने बताया कि हत्यारोपी अभिनेष बाजपेई को गिरफ्तार कर लिया गया। थाने में अभिनेष ने हत्या की वजह गुस्सा बताई और कहा, “उसे आत्मग्लानि हो रही है। लेकिन अब क्या करे।”

आरोपी ने पुलिस को बताया कि ड्यूटी के चलते वह बच्चों की परवरिश नहीं कर पा रहा था। बच्चे दिनभर रोत-चिल्लाते रहते थे। इससे बहुत दिक्कत होती थी। मैं तंग आ गया था। जब मैं बच्चों को डांटता था तो दीपा मुझे रोकती-टोकती थी। इसी के चलते उसने बच्चों की हत्या कर दी। 

बच्चों की परवरिश करने में रहा नाक़ाम

पत्नी की मौत के बाद मां की तरह बच्चों की परवरिश करने में असफल साबित हो रहा अभिनेष बाजपेई आखिरकार हार गया। नाम न छापने की शर्त पर एक पड़ोसी ने बताया, “पत्नी की मौत के बाद कुछ दिनों तक अभिनेष अकेले ही बच्चों की देखरेख करता था। दिक्कत देखते हुए बड़े भाई अभिषेक ने अपनी पत्नी दीपा को बच्चों की देखरेख के लिए भेजा था।”

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