Gaon Connection Logo

महिलाओं ने बेटियों को कोख में मारने की सरकार से मांगी इजाजत

India

बागपत। लगातार बढ़ रहे महिला अपराधों के चलते बागपत ज़िले में महिलाओं ने सरकार से अपनी बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मांगी है, अगर सुरक्षा नहीं दी जाएगी तो बेटियों को कोख में ही मारने की इजाजत मांगी है, जिससे आगे वो किसी बड़े अपराध की शिकार न बनें।

बेटियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर महिलाओं ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को भी केवल दिखावा बताया है। जिला मुख्यालय के वार्ड नम्बर 16 की महिलाओं ने बेटियों पर हो रही दरिंदगी से परेशान होकर उन्हें पैदा न करने का फैसला किया है। महिलाओं का कहना है कि नगर से लेकर देहात तक उनकी बेटियों की कोई सुरक्षा नहीं रह गयी है। न तो बेटियां घर में सुरक्षित है और न बाहर। 

पिछले तीन महीनों में महिलाओं पर हुए अत्याचार में इजाफ़ा हुआ है। थाना सिंघावली अहीर का साक्षी हत्या मामला और रोशनगढ़ की छात्रा का दोनो को ही स्कूल जाते समय अगवा कर उनके साथ बलात्कार किया गया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं हुई है। इन केसों को लेकर बागपत की महिलाओं ने बेटियों को पैदा न करने का निर्णय लिया है। 

बागपत एसपी रवि शंकर छवि बार-बार बेटियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियानों और कार्रवाई के बारे में बताते हैं, ”जनपद के सभी स्कूलों में महिला हेल्पलाइन नम्बर दिये गए हैं। पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर दिये है, महिला पुलिस कर्मियों द्वारा स्कूलों के आस-पास मनचलों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया जाता है।” वो आगे बताते हैं, ”पुलिस अपना कार्य कर रही है। अगर किसी भी प्रकार की शिकायत उन तक पहुंचती है तो कार्रवाई की जाती है। छात्राएं किसी भी प्रकार की शिकायत लेकर उनको किसी भी समय मिल सकती हैं।”

नगर की महिला पार्षद रेखा चौहान बताती हैं, ”मैं एक बेटी की मां हूं, जब हमारी बेटियां असुरक्षित हैं, हमारी कानून व्यवस्था इतनी लचर है कि बच्चियों के साथ में यौन हिंसा होती है और अपराधी को नाबालिक कहकर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में तरह-तरह की योजनाओं का कोई फायदा नहीं है। हम ऐसे किसी भी अभियान में अब शामिल नहीं होगें और न बेटियों को जन्म देगें।” गीता बताती है, ”पुलिस, हेल्पलाइन नम्बरों का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेती हैं, लेकिन जो छोटी बच्चियां हैवानियत का शिकार हो रही है। वे कैसे  हेल्पलाइन नम्बरों का प्रयोग कर सकती हैं। मनचलों पर पुलिस क्यों रोक नहीं लगाती। पुलिस को उनकी बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी ही होगी।”

रिपोर्टिंग – सचिन त्यागी

More Posts

छत्तीसगढ़: बदलने लगी नक्सली इलाकों की तस्वीर, खाली पड़े बीएसएफ कैंप में चलने लगे हैं हॉस्टल और स्कूल

कभी नक्सलवाद के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ में इन दिनों आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है; क्योंकि अब उन्हें...

दुनिया भर में केले की खेती करने वाले 50% किसान करते हैं इस किस्म की खेती; खासियतें जानिए हैं

आज, ग्रैंड नैन को कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिसमें लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, भारत...