प्रभु की माया, नहीं बढ़ा किराया!

अमित सिंहअमित सिंह   25 Feb 2016 5:30 AM GMT

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प्रभु की माया, नहीं बढ़ा किराया!gaon connection, गाँव कनेक्शन, rail budget 2016, रेल बजट

अमित सिंह

नई दिल्ली रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपना दूसरा और मोदी सरकार का तीसरा रेल बजट पेश किया। इस बार के रेल बजट में रेल मंत्री की झोली में आम आदमी के लिए बहुत कुछ था। रेल मंत्री ने अपने बजट ऐलान में महिलाओं और बुज़ुर्गों का ख़ास ख्याल रखा है।

सफर के दौरान छोटे बच्चों के लिए दूध

सुरेश प्रभु ने रेल बजट में महिलाओं और छोटे बच्चों की सहूलियत का ख़ास ख्याल रखा है। अब ट्रेन में छोटे बच्चों के लिए दूध और बेबी फूड की भी सुविधा होगी।  

बाराबंकी की नज़मा बानो कहती है, "छोटे बच्चों को दूध की सुविधा देकर रेल मंत्री ने महिलाओं के ऊपर बड़ी कृपा की है, अब

हमारे बच्चे भूखे नहीं रहेंगे। नज़मा के मुताबिक़ रेल सफर में सबसे बड़ी दिक्कत बच्चों के साथ आती है अगर सफर लंबा हो तो बच्चों को दूध तक नहीं मिलता लेकिन अब हमारे बच्चे भूखे नहीं रहेंगे।" 

महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षण

भारतीय रेल में सफर करने वाली महिलाओं के लिए भी रेल मंत्री ने बड़ा ऐलान किया है। अब सीट आरक्षण में महिलाओं का कोटा 33 फीसदी होगा। 

महिलाओं को कैसे होगा फायदा

रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस ऐलान के बाद महिलाओं के लिए टिकट की मारा-मारी ख़त्म हो जाएगी। महिलाएं आसानी से टिकट बुक करा पाएंगी।

महिलाओं को आसानी से मिलेगा टिकट

ट्रेन टिकट बुक कराना मैराथन जीतने से कम नहीं है। लंबी-लंबी कतारों और घंटों के इंतज़ार के बाद भी मुश्किल से ही टिकट मिलता है लेकिन रेल मंत्री के नए ऐलान के बाद महिलाओं की स्थिति बेहतर हो जाएगी।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस ऐलान से खुश नज़मा बानो कहती हैं, "टिकट आरक्षण में महिलाओं को 33 फीसदी कोटा देना बहुत ही अच्छी ख़बर है अब महिलाओं को टिकट बुक करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।"

हर ट्रेन में 120 लोअर बर्थ बुज़ुर्गों के लिए

रेलवे में सफर करना बुज़ुर्गों के लिए किसी सज़ा से कम नहीं है। अक्सर ऐसा होता है कि टिकट बुकिंग के दौरान बुज़ुर्गों को अपर या मिड अपर सीट अलॉट हो जाती हैं और पैर ख़राब होने के चलते बुज़ुर्ग यात्री अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाते हैं लेकिन रेल मंत्री के इस नए ऐलान के बाद उनकी ये मुश्किल भी खत्म हो जाएगी।

नए ऐलान से ताज मोहम्मद खुश

यूपी के फैज़ाबाद ज़िले के रहने वाले ताज मोहम्मद के पिता काम के सिलसिले में अक्सर दिल्ली जाते रहते हैं, लेकिन उन्हें बोगी में हमेशा अपर सीट ही मिलती है। पैर ख़राब होने के चलते ताज मोहम्मद के पिता अपनी सीट पर नहीं पहुंच पाते हैं, लेकिन रेल मंत्री के इस नए ऐलान के बाद ताज मोहम्मद बेहद खुश हैं कहते हैं, "अब्बू अक्सर रेल से सफर करते हैं लेकिन गठिया होने की वजह से उनके पैर में बहुत दर्द रहता है सीट पर चढ़ नहीं पाते, लेकिन अब बुज़ुर्गों के लिए लोअर सीट आरक्षित होने की व्यस्था के बाद उन्हें बहुत आराम मिल जाएगा"

ट्रेन की लेट-लतीफ़ी से नाखुश

ताज मोहम्मद कुछ बातों से खुश हैं तो कुछ बातों के लेकर उनके अंदर नाराज़गी भी है ताज मोहम्मद कहते हैं, "सरकार ने किराया नहीं बढ़ाया बढ़िया है लेकिन सुविधा का क्या होगा। किराया बढ़ाना है तो बढ़ाएं लेकिन यात्रियों की सुविधा का भी ख्याल रखें।"

17,000 बायो टॉयलट का ऐलान

बाराबंकी के स्टेशन अधीक्षक एन एन अवस्थी कहते हैं, "सरकार ने रेल बजट में भले ही सफ़ाई और स्वच्छता को लेकर बड़ा ऐलान ना किया हो लेकिन क्या सफ़ाई की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ रेलवे की है, नागरिकों का भी तो फर्ज़ बनता है।"   

बाराबंकी के स्टेशन अधीक्षक एन एन अवस्थी रेलवे की योजनाओं का बचाव करते हुए कहते हैं, "सफ़ाई के चाहे लाख इंतज़ाम क्यों ना कर लिए जाएं लेकिन जब तक जनता अपनी ज़िम्मेदारी नहीं समझेगी रेलवे कुछ भी नहीं कर पाएगी।" 

सुरक्षा को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं 

रेल बजट 2016 में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने महिला सुरक्षा को लेकर कोई ख़ास ऐलान नहीं किया। अभी भी आए दिन रेलवे में

सफर के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आते रहते हैं लेकिन रेल मंत्री ने अपने बजट में महिला सुरक्षा पहलू को नज़र अंदाज़ कर दिया है। 

बाराबंकी रेलवे स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक कपिल देव सिंह बताते हैं "रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था इसलिए ठीक नहीं है क्योंकि रेलवे के पास सिंगल सिक्योरिटी सिस्टम नहीं है"

रेलवे में फिलहाल तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था है। जीआरपी यानि गवर्मेंट रेलवे पुलिस, सिविल पुलिस यानि स्टेट पुलिस और आरपीएफ़ यानि यानि रेलवे प्रोटक्शन फोर्स। सुरक्षा की इन तीनों विंग्स के पास अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं और ना ही इनके क्षेत्राधिकार को ठीक तरीके से बांटा ही गया है। प्रभारी निरीक्षक कपिल देव सिंह कहते हैं, "रेलवे में केंद्र और राज्य की ज़िम्मेदारियों को भी दोबारा परिभाषित करने की ज़रूरत है। असल में रेलवे में होने वाली हर घटना या हादसों का मुआवज़ा केंद्र देता है लेकिन सुरक्षा और देखरेख की ज़िम्मेदारी राज्यों के पास है।"

रेल बजट 20 अहम बातें

-2020 तक सभी को जब चाहें तब टिकट

-2020 तक 95% ट्रेनें सही वक्त चलेंगी

-ट्रेनों की स्पीड 80 किमी/घंटा करने की कोशिश

- मालगाड़ियों की स्पीड भी बढ़ाई जाएंगी

-2020 तक कोई भी लाइन बिना गार्ड के नहीं होगी 

चार नईं ट्रेनों का तोहफ़ा

-हमसफर (सिर्फ एसी थ्री कोच होंगे)

-अंत्योदय में (आनारक्षित कोच ही होंगे)

-तेजस (130 किमी/घंटा  की रफ्तार)

-उदय (डबल डेकर एयरकंडीशन्ड यात्री ट्रेन)

महिलाओं, बुज़ुर्गों के लिए ख़ास ऐलान

-हर ट्रेन में बुजुर्गों के लिए 120 लोअर बर्थ 

-महिलाओं के लिए 33% आरक्षण

ट्रेन में मनोरंजन की सुविधा 

-गाड़ियों में एफएम रेडियो स्टेशन

-टिकट बुकिंग के वक्त बीमा की सुविधा

सफ़ाई पर रहेगा ज़ोर

-एक SMS पर डिब्बा साफ होगा

-बच्चों की पसंद का खाना

-बेबी फूड, गर्म पानी मिलेगा।

-13 हजार जैव टॉयलेट्स बनेंगे

-139 के जरिए भी टिकट रद्द किया जा सकेगा

-पीपीपी मॉडल पर रहेगा ज़ोर

 

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