विजय माल्या के मुद्दे पर राज्य सभा में सरकार और विपक्ष आमने-सामने

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नई दिल्ली (भाषा) राज्य सभा में सोमवार को कांग्रेस ने विवादों में घिरे शराब कारोबारी विजय माल्या के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। सदन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने लुकआउट नोटिस में तब्दीलियां कर माल्या को विदेश भागने में मदद की। हालांकि उपसभापति पी जे कुरियन ने इस मुद्दे को उठाने की यह कहकर इजाजत नहीं दी कि ये मामला सदन की आचार समिति में भेजा जाना चाहिए।

कांग्रेस सदस्यों के इस मुद्दे पर हंगामे और नारेबाजी के चलते शून्यकाल खत्म होने के निर्धारित समय से पहले बैठक को करीब 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शून्यकाल में व्यवस्था के प्रश्न के जरिये ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि माल्या के ऊपर बैंकों का हजारों करोड़ रुपया बकाया है। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार ने लुक आउट नोटिस में बदलाव कर माल्या को भागने में मदद की है। उन्होंने कहा कि माल्या को गिरफ्तार कर जल्द देश वापस लाना चाहिए।

उपसभापति पी जे कुरियन ने तिवारी को सदन में यह मुद्दा नहीं उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वो पहले ही इस बारे में व्यवस्था दे चुके हैं कि इस मुद्दे को सदन की आचार समिति में भेजा जाना चाहिए। कुरियन के ये कहने के बावजूद कांग्रेस सदस्य शांत नहीं हुए। कई कांग्रेसी सदस्य माल्या को देश में वापस लाए जाने की मांग के नारे लगाते हुए आसन के सामने आ गए। उपसभापति ने नारा लगा रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर वापस लौट जाने को कहा। कांग्रेसी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही तो उपसभापति ने हंगामे के बीच ही शून्यकाल के मुद्दे उठाए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने लोक महत्व के अपने मुद्दों को हंगामे के बीच ही उठाया। शून्यकाल समाप्त होने से महज पांच मिनट पहले कुरियन ने हंगामे के कारण बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

सपा के नरेश अग्रवाल ने विमानन कंपनियों द्वारा मनमाने तरीके से किराया वसूलने का मुद्दा उठाया और किराए के नियमन के लिए प्राधिकार गठित करने की सरकार से मांग की। उपसभापति पी जे कुरियन ने भी प्राधिकार गठित करने की उनकी मांग का समर्थन किया और सरकार से कहा कि वह इस बारे में गौर करे। शून्यकाल में ही जदयू के अली अनवर ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान का जिक्र करते हुए दावा किया कि अधिकतर विश्वविद्यालय ओबीसी आरक्षण को एसोसिएट तथा प्रोफेसर स्तर पर लागू नहीं करके सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भी लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से बीएचयू, जेएनयू, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे कई प्रमुख संस्थानों में आज कोई एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर ओबीसी वर्ग से नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक संस्थागत भेदभाव और सोची समझी चाल है ताकि ओबीसी समुदाय को उच्च शिक्षा में आने से वंचित रखा जा सके।

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के कुछ सदस्य उद्योगपति विजय माल्या के देश से चले जाने के मुद्दे पर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे। कई सदस्यों ने शोरगुल के दौरान ही शून्यकाल के तहत अपने-अपने मुद्दे उठाए। जदयू के ही केसी त्यागी ने भारतीय वायुसेना से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए दावा किया कि आज बल के पास इतने विमान नहीं हैं कि वह पाकिस्तान से मुकाबला कर सकें। उन्होंने कहा कि वायुसेना के प्रमुख ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान से एक साथ लड़ने के लिए बल के पास पर्याप्त विमान नहीं हैं। हंगामे के दौरान ही कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने श्रीकाकुलम तट पर एक विदेशी कंपनी द्वारा कथित रूप से अवैध खनन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसमें एक विदेशी कंपनी शामिल है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा करार देते हुए मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की सरकार से मांग की। 

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