Dec 12, 2025
भारत के बड़े अध्ययन ने पहली बार दिखाया कि आने वाले दशकों में ज़हरीले साँपों के रहने की जगहें पूरी तरह बदल सकती हैं। ये बदलाव सीधे इंसानों को प्रभावित करेंगे।
Credit: Gaon Connection Network
मॉडल कहता है: अगर धरती ऐसे ही गर्म होती रही, तो 2070 तक भारत का लगभग 3% हिस्सा, साँपों के नए या गायब होते हॉटस्पॉट देखेगा। सबसे बड़ा असर: पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर।
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पहाड़ों, वर्षावनों और घाटियों में रहने वाले कई साँप अपने घर छोड़ने पर मजबूर होंगे। कुछ ऊँचाई की ओर जाएंगे, लेकिन ऊपर एक समय ऐसा आता है जहाँ आगे कोई रास्ता ही बचता नहीं। इसे कहते हैं: “माउंटेन-टॉप स्क्वीज़” - एक अदृश्य त्रासदी।
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भारत में 95% मौतें करने वाले चार ज़हरीले साँप: कोबरा, कॉमन करैत, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर। मॉडल साफ़ कहता है: जहाँ जलवायु इनके लिए अनुकूल होगी, वहाँ इंसानों के लिए खतरा बढ़ेगा।
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आने वाले वर्षों में उत्तर भारत, हिमालय की तराई, गंगा घाटी, पूर्वोत्तर और मध्य भारत, उभरते सर्पदंश हॉटस्पॉट बन सकते हैं। कुछ दक्षिणी हिस्सों में खतरा कम हो सकता है।
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प्रकृति और इंसान अलग नहीं, धरती का हर बदलाव, हर तापमान, हर मौसम, हमारे जीवन को छूता है। यह कहानी चेतावनी भी है और उम्मीद भी कि समय रहते कदम उठाए जाएँ, तो हम लाखों ज़िंदगियों को बचा सकते हैं।
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