ये घर में पल रहे आतंकी हैं इन्हें अब तक किसने शह दी?

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ये घर में पल रहे आतंकी हैं इन्हें अब तक किसने शह दी?gaonconnection

मथुरा। दो सौ एकड़ से अधिक क्षेत्र में 3000 लोगों से ज्यादा का अवैध कब्जा, पुलिस के अनुसार 47 बन्दूकें, छह राइफलें और 178 ग्रेनेड की बरामदगी से दो सवाल खड़े होते हैं। पहला कि दो वर्षों तक सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा किए रहने के लिए इन आतंकियों को शह किसने दी? दूसरा, यह कि लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) को कैसे कोई भी भनक नहीं लगी? 

बृहस्पतिवार को मथुरा में पुलिस और जवाहर बाग में सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा जमाए बैठे लोगों के बीच हुए जबर्दस्त संघर्ष में नगर पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी संतोष कुमार सहित 24 लोग मारे गए हैं। पुलिस ने 320 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा के मंडलायुक्त को घटना की जांच कराने के आदेश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से घटना पर रिपोर्ट मांगी है तथा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अखिलेश यादव से बात की और उन्हें सभी आवश्यक मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया।

मथुरा शहर स्थित जवाहर बाग में बृहस्पतिवार को करीब तीन हज़ार लोगों ने 260 एकड़ से अधिक के एक भूखंड पर पिछले दो साल से हुए अवैध कब्जे को हाईकोर्ट के आदेश के बाद छुड़ाने पहुंची पुलिस पर गोलीबारी कर आक्रमण कर दिया।

राज्य के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद के अनुसार पुलिसकर्मी जब अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए इलाके की टोह लेने के उद्देश्य से पहुंचे तो अवैध कब्जा जमाए बैठे लोगों ने पुलिसकर्मियों पर ‘‘बिना उकसावे’’ के गोलीबारी की, पथरवा किया और लाठी-डंडों से हमला बोल दिया। 

उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस टीमों ने खुद को पुनर्गठित किया। दो शेल्टरों को खाली कराए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने वहां रखे गैस सिलेंडरों और गोला बारुद में आग लगा दी जिससे अनेक विस्फोट हुए।’’  अहमद ने कहा, ‘‘हिंसा में 22 दंगाई मारे गए। इनमें से 11 लोग प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाई गई आग से मारे गए।’’ मृतकों में एक महिला भी शामिल है।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने बताया कि इस संघर्ष में घायल 23 पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ पुलिसवाले गोली लगने के कारण गंभीर रुप से घायल हुये हैं।

डीजीपी ने कहा, “हमने इलाके से 47 बन्दूकें, छह राइफलें और 178 ग्रेनेड बरामद किये हैं। इसके अलावा हमने सीआरपीसी की धारा 151 के तहत 116 महिलाओं समेत कुल 196 व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया है। सभी की गिरफ्तारी एहतियाती तौर पर की गयी है”।

पुलिस महानिदेशक ने बताया, ‘‘रामवृक्ष यादव, चंदन बोस, गिरीश यादव और राकेश गुप्ता मुख्य अपराधी और समूह के मुखिया हैं। यह यदि जीवित हुये तो उन्हें पकड़ लिया जाएगा।’’ पुलिस ने बताया कि इलाके से मध्य प्रदेश में पंजीकृत कुछ वाहन भी बरामद हुये हैं और इस हिंसा के पीछे नक्सली संलिप्तता के कोण से भी जांच की जा रही है।

एसपी की पीट-पीट कर की गई हत्या: पोस्टमार्टम रिपोर्ट

शुक्रवार को देर रात आई शहीद एसपी मुकुल द्विवेदी की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस सूत्रों के अनुसार शहीद एसपी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि उनकी मृत्यु सिर पर लगी गहरी चोटों के चलते हुई। उनकी सिर में कई हड्डियां टूटी हुई थीं। यानि झड़प के दौरान दंगाई एसपी के इतने पास पहुंच गए थे, कि उन्हें पीट-पीट कर मार डाला। वहीं एसओ संतोष कुमार की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मृत्यु नाक पर लगी गोली के कारण हुई, जो सिर के आर-पार निकल गई।

 

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