ये नुस्ख़े अपनाएं, मोटापा भगाएं

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ये नुस्ख़े अपनाएं, मोटापा भगाएंgaonconnection

प्रकृति के करीब रहकर इंसान किस कदर अपना स्वास्थ्य बेहतर रख सकता है, इसका सटीक उदाहरण ग्रामीण और वनवासी अंचलों में देखा जा सकता है। 

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पातालकोट घाटी के गोंड और भारिया वनवासियों की बात की जाए या बैतूल जिले के कोरकू जनजाति के लोग, भले ही ये वनवासी समाज की मुख्यधारा और तथाकथित विकसित होने की दौड़ में अलग रह गए हों लेकिन इनके स्वास्थ्य और आयुष की तुलना हम विकसित समाज और शहरों में रहने वाले लोगों से करें तो हमें समझ आ जाएगा कि आखिर विकसित और ज्यादा स्वस्थ कौन है? 

पिज्जा कल्चर, जंक फूड और अनियमित जीवन शैली ने मोटापा जैसे रोग लाकर हमारे जीवन को भयावह कर दिया है। क्या वजह है जो वनवासियों में मोटापा, मधुमेह, उच्च या निम्न रक्तचाप जैसी समस्याएं देखने नहीं मिलती? वनवासियों का खान-पान, जीवनशैली और वनौषधियां इन सब रोगों को उनके आस-पास तक भटकने नहीं देती। चलिए मैं साझा करता हूं वनवासियों के कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों को जिन्हें अपनाकर आप भी अपने शरीर की चर्बी को कम कर सकते हैं-

लटजीरा या अपामार्ग:- हमारे घरों, खेत- खलिहान के आसपास अक्सर देखा जा सकता है। खेत खलिहान या मैदानों से गुजरने पर अक्सर जीरे की तरह दिखने वाले बीज हमारे कपड़ों पर लग जाते हैं। इसके बीजों को एकत्र करके मिट्टी के बर्तन में भून लिया जाए और प्रतिदिन आधा चम्मच का सेवन किया जाए तो यह भूख को मार देता है और शारीरिक वसा को भी तोड़ने का काम करता है। 

कोरकू वनवासियों के अनुसार यदि उबले आलूओं पर हल्का सा नमक छिड़क दिया जाए और उस व्यक्ति को दिया जाए जो वजन कम करना चाहता है तो उसे फायदा होता है। वनवासियों के अनुसार ये गलत बात है आलू को मोटापा बढ़ाने में मदद करने वाला कंद माना जाता है। वजन आलूओं की वजह से नहीं बढ़ता बल्कि आलू को तलने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले तेल, घी आदि आलू को बदनाम कर जाते हैं। कच्चे आलू या आलू जिन्हें तेल, घी आदि के बगैर पकाया जाए, खाद्य पदार्थ के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं और इनकी मदद से वजन भी कम किया जा सकता है।

दक्षिण गुजरात के वनवासियों के अनुसार ताजी पत्तागोभी का रस भी वजन कम करने में काफी मदद करता है। इनके अनुसार प्रतिदिन रोज सुबह ताजी हरी पत्तागोभी को पीसकर रस तैयार किया जाए और इसे पिया जाए तो यह शरीर की चर्बी को गलाने में मदद करता है और रोचक बात यह भी है कि आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पैरवी करता है कि कच्ची पत्तागोभी शर्करा और अन्य कार्बोहाईड्रेड्स को वसा में बदलने से रोकती है और यह वजन कम करने मे सहायक है।

करीब एक किलो परवल के फल लेकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लीजिए और 400 ग्राम कोकम के फल भी लें और दोनों को चार लीटर पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि ये एक चौथाई ना बचे। इसे छान लें और ठंडे स्थान पर रख दें। प्रतिदिन सुबह इस रस का 100 मिली खाली पेट सेवन करें, जूस खत्म हो जाने पर इसी विधि से पुन: बनाएं, सिर्फ एक महीने आजमाकर देखिए, फायदा जरूर होता है। डाँग- गुजरात के वनवासी बताते हैं कि चावल का गर्म-गर्म पानी लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा दूर होता है। पके हुए चावल के गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से मोटापा कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा वनवासी बताते हैं कि परवल के फलों का जूस तैयार कर लिया जाए और इसमें करीब चार ग्राम सौंफ के दाने और चुटकीभर हींग का पिसा हुआ चूर्ण मिला लिया जाए और सेवन किया जाए तो मोटापा दूर होने लगता है। 

डाँग गुजरात के वनवासियों के अनुसार ज्यादा देर तक उबली चाय भी मोटापा कम करने में मदद करती है और वैज्ञानिक तथ्य भी यही कहते हैं कि चाय को ज्यादा देर तक उबाला जाए तो टैनिन रसायन निकल आता है और यह रसायन पेट की भीतरी दीवार पर जमा होकर भूख को मार देता है। हालांकि पातालकोट के वनवासी चाय के साथ पुदीना की पत्तियों को उबालकर पीने की सलाह देते हैं जिससे मोटापा कम करने में मदद मिलती है।

शहद एक कॉम्प्लेक्स शर्करा की तरह है जो मोटापा कम करने में काफी हद तक मदद करता है। गर्म पानी में एक चम्मच शहद डालकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से कुछ ही समय में परिणाम दिखने लगते हैं, कुछ जगहों पर लोग इसी मिश्रण में एक चम्मच नींबू रस भी डाल देते हैं, दोनो फॉर्मूले हितकर हैं। कई लोग दिन भर सिर्फ नींबू पानी और शहद का मिश्रण पीकर उपवास भी करते हैं। माना जाता है कि ये एक कारगर देसी फॉर्मूला है।

बाजार में बिकने वाले कैप्सूल, दवाएं और यंत्र जो अल्प अवधि में वजन और मोटापा कम करने का दावा करते हैं, इनसे दूर रहने की आवश्यकता है और अपनी दिनचर्या को नियंत्रित करके इन स्वदेशी हर्बल नुस्खों को अपनाकर मोटापे की समस्या से दूर रहा जा सकता है।  शारीरिक चपलता, मेहनत, आलस से दूर जीवनशैली और दिनचर्या और पोषक खान-पान की मदद से काफी हद तक इस समस्या से दूर रहा जा सकता है।

 

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