यूपी में बढ़ रहा साइबर क्राइम, निपटने के लिए बनेंगे साइबर सेल

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यूपी में बढ़ रहा साइबर क्राइम, निपटने के लिए बनेंगे साइबर सेलgaon connection, cyber crime, lucknow

लखनऊ/बाराबंकी। सुधीर द्विवेदी के पास एक दिन फोन आया कि आपका एटीएम खराब हो गया है, सही कराने के लिए कार्ड नंबर और पिन बता दीजिए। दो घंटे मोबाइल बंद रखने के  बाद आपको नया पिन नंबर मिल जाएगा। सुधीर ने जब इस बारे में बैंक से पता किया तो मालूम हुआ कि अगर वह फोन पर जानकारी दे देते, तो उनका बैंक एकाउंट खाली हो जाता। 

बाराबंकी में सिक्योरिटी गार्ड सुधीर द्विवेदी तो इस झांसे से बच गए, पर श्रावस्ती के किसान सिपाही लाल लॉटरी के चक्कर में अपना सब कुछ गंवा बैठे। सिपाही लाल को मोबाइल पर लॉटरी का झांसा देने के बाद साइबर अपराधियों ने लाखों रुपये ऐंठ लिए।

यूपी में ग्रामीण और शहरी लोगों को साइबर अपराधी बड़ी आसानी से शिकार बना रहे हैं। देश भर में अपराध को दर्ज़ करने वाली संस्था राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार वर्ष 2014 में भारत में कुल 5752 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया। इनमें से सबसे अधिक 1223 यूपी से थे। उधर, लखनऊ स्थित डीजी क्राइम कार्यालय के मुताबिक वर्ष 2015 में 2200 से अधिक साइबर क्राइम के मामले सामने आए।

हाल ही में एनसीआरबी की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में सबसे अधिक साइबर अपराध के मामले महाराष्ट्र में हुए। यहां पर 1879 मामले सामने आए, जबकि दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश (1737) है। 

''साइबर क्राइम को रोकने के लिए लखनऊ, कानपुर, आगरा और नोएडा में साइबर सेल बनाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हर जिले में साइबर सेल ऑफिसर भी नियुक्त किए गए हैं, लेकिन जब तक लोगों में जागरुकता नहीं आएगी, तब तक साइबर क्राइम कम नहीं होगा। लोग मामले की रिपोर्ट कर सकें, इसलिए अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई हैं।" साइबर एक्सपर्ट एवं आगरा पुलिस के सलाहकार रक्षित टंडन ने कहा।

''जब मैंने बेटी के साथ बैंक जाकर महिला बैंक कर्मी को इस बारे में बताया तो उन्होंने उसी नंबर पर फोन किया और बात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि तुम्हें इस काम के लिए जेल भी हो सकती है, तो फोन कट गया। इसके बाद नंबर भी बंद हो गया।" सुधीर बताते हैं।

भारत में साइबर अपराध से निपटने के लिए वर्ष 2000 में आईटी एक्ट बनाया गया, जिसे 2008 में संशोधित भी किया गया। आईटी एक्ट के तहत कंप्यूटर द्वारा कोई भी अपराध साइबर क्राइम की श्रेणी में आएगा। इसमें सात साल की जेल भी हो सकती है। 

ऑडिट एंड टैक्स एडवाइजरी कंपनी केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015 में भारत के 72 फीसदी लोगों ने किसी न किसी तरह के साइबर अटैक का सामना किया। साथ ही 63 फीसदी कंपनियों साइबर क्राइम का शिकार हुईं और आर्थिक नुकसान सहा।

"एटीएम फ्रॉड के अधिकतर मामले सामने आते रहते हैं। किसी भी आदमी को यह हक नहीं कि वो आपसे एटीएम नंबर, पिन कोड या खाता संबंधी जानकारी मांगे। अगर कोई ऐसा करता है तो सीधे बैंक जाकर मामले की जानकारी करें। ऐसे मामलों से निपटने के लिए लखनऊ में साइबर थाने की जल्द स्थापना की जा रही है।" हितेश चंद्र अवस्थी, अपर पुलिस महानिदेशक (क्राइम), उत्तर प्रदेश

 

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