यूपी पीएम देता है, उधार का सीएम नहीं चलता

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यूपी पीएम देता है, उधार का सीएम नहीं चलतायूपी पीएम देता, उधार का सीएम नहीं चलता,चुनाव लडा

लखनऊ। ये यूपी है यहां उधार का सीएम नहीं चलता है। यूपी ने देश को आधे से अधिक प्रधानमंत्री दिये हैं। कुल 13 पीएम में से सात या तो यूपी से थे या उन्होंने प्रदेश से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा मगर प्रदेश के बाहर का सीएम कभी भी यहां नहीं बना।

उमा भारती के तौर पर, दूसरे राज्य से उधार का मुख्यमंत्री यूपी 2012 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से नकार चुका है। अब दूसरा मौका है जब राज्य के बाहर के किसी नेता को प्रदेश में चुनाव से करीब छह महीने पहले सीएम पद का दावेदार बनाया गया है। इसर बार कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मैदान में उतार दिया है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां इतिहास बदलने की चुनौती जरूर सामने है।

प्रदेश में पिछले चुनाव में पहली बार भाजपा ने एक प्रयोग किया था। जिसमें मध्य प्रदेश की सीएम रहीं उमा भारती को पार्टी ने सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था। भाजपा राम मंदिर आंदोलन के दौरान उमा प्रखर हिंदूवादी छवि का फायदा उठाना चाहती थी।

एमपी की सीमा पर होने की वजह से उमा को झांसी से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। उमा ने अपनी सीट पर तो जीत जरूर हासिल कर ली थी। मगर बीजेपी के काम ये दांव नहीं आया था। बीजेपी 50 से भी कम सीटों पर सिमट कर रह गई थी। उमा भारती ने इसके बाद में उमा 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश से ही सांसद चुन कर केंद्रीय मंत्री बनीं मगर वे यहां की सीएम न बन सकीं।

एक बार फिर से महिला मगर पार्टी दूसरी

कांग्रेस ने तीन दिन पहले दांव खेला। जिसमें दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को यूपी में सीएम पद का दावेदार बना दिया। 78 वर्षीय शीला पर प्रदेश में कांग्रेस की 27 साल से डगमगा रही नइया को पार लगाने की जिम्मेदारी है। ऐसे में पार्टी और शीला दोनों के ही सामने इतिहास बदल डालने की चुनौती है।

रिपोर्टर - ऋषि मिश्र

 

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