अर्थशास्त्र में ऐसे बनाएं अपना करियर

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अर्थशास्त्र में ऐसे बनाएं अपना करियरअर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है।

लखनऊ। साइंस और मैथ्स की तरह इकोनॉमिक्स भी सदाबहार विषय माना जाता है। अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। पिछले दिनों नोटबंदी के फैसले और कैशलेस को समझने के लिए लोगों ने अर्थशास्त्रियों की मदद ली। इस लिहाज से अर्थशास्त्र में करियर बनाने के लिए विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा रुचि ले सकते हैं। इस बारे में लखनऊ स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के डीन एकेडेमिक्स प्रोफेसर अम्बिका प्रसाद तिवारी विस्तार से बताते हैं-

इकोमेट्रिकस

इकोमोट्रिक्स गणित, सांख्यिकी और अर्थशास्त्र का मिलाजुला रूप है। इस में किसी भी प्रोडक्ट की भविष्य में क्या मांग रहेगी, इसका आकलन किया जाता है। और यह आकलन इकॉनोमिक्स के एक्सपर्ट ही कर सकते हैं। बाजारीकरण के दौर में विशेषज्ञों की काफी जरूरत रहती है, जो प्रोडक्ट का बाजार के हिसाब से आकलन करते हैं।

कारपोरेट वर्ल्ड और एमबीए

कारपोरेट जगत में अर्थशास्त्र बैकग्राउंड वाले छात्रों को एमबीए में बड़ी मदद मिलती है। अर्थशास्त्र में स्नातक के लिए फाइनांशियल सेक्टर ऐसा क्षेत्र है, जहां सर्वाधिक वेतन मिलने की संभावना रहती है।

योग्यता

देश में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की काफी व्यापक व्यवस्था है। समस्त प्रदेशों की यूनिवर्सिटीज और कॉलेज में इकोनॉमिक्स पर आधारित बीए अथवा एमए स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं। इनमें 10+2 के अंकों के आधार पर दाखिले का प्रावधान है। इकोनॉमिक्स में पीजी करने के लिए किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। अगर 10+2 और ग्रेजुएशन में इकनॉमिक्स हो तो इसे समझना ज्यादा आसान होता है।

पर्यावरणीय अर्थशास्त्र

आज जलवायु परिवर्तन को लेकर सारी दुनिया चिंतित है। ऐसे में एन्वायरनमेंटल इकॉनोमिक्स का काम अहम हो जाता है। इस क्षेत्र में छात्रों को वायु प्रदूषण, पानी की गुणवत्ता, ग्लोबल वार्मिंग, जहरीला पदार्थ और वेस्ट प्रोडक्ट्स के बारे पढ़ाया जाता है।

बीमा क्षेत्र

अर्थशास्त्र के छात्र बीमा व बैंकिंग के क्षेत्र में भी किस्मत आजमा सकते हैं। बीमा व बैंकिंग के क्षेत्र में अर्थशास्त्र की जानकारी मूलभूत जरूरत है। इकॉनोमिक्स के ब्रिलिएंट छात्र इंडियन इकॉनोमिक्स सर्विसेज की भी तैयारी कर सकते हैं।

रिसर्च और बैंकिंग

जिन छात्रों ने अर्थशास्त्र में मौद्रिक की पढ़ाई की है, उन्हें बैंकिंग में काफी मौके मिलते हैं। रिसर्च पर आधारित कंपनियां ऐसे छात्रों को अवसर प्रदान करती हैं। आप फॉरेन करंसी एक्सचेंज में भी काम कर सकते हैं।

टीचिंग

कॉलेजों में असिस्टेंट प्रफेसर और प्रफेसर बनने के लिए कोई भी नेट और सेट एग्जाम में अपीयर हो सकता है।

बिजनेस पत्रकारिता और लॉ

अगर आप की अर्थशास्त्र की पृष्ठभूमि है और आप ने लॉ भी कर रखा है, तो आप लॉ फर्म में भी जॉब पा सकते हैं। इसके अलावा इन दिनों बिजनेस पत्रकारिता का भी काफी महत्व है। व्यापार पर आधारित पत्र-पत्रिकाओं में अर्थशास्त्र की विशेषता रखने वाले छात्रों की काफी जरूरत रहती है।

यूपीएससी में कर सकते हैं अप्लाई

यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन द्वारा इंडियन इकोनॉमिक/स्टेटिस्टिकल सर्विस एग्जाम परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा के आधार पर विभिन्न मंत्रालयों में इकोनॉमिक प्लानिंग और इसी तरह के महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं। परीक्षा का आयोजन अगले साल मई में होगा। इसके लिए फरवरी में नोटिफिकेशन जारी की जाएगी। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.upsc.gov.in देख सकते हैं।

सम्बंधित संस्थान

  • डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास विश्वविद्यालय, लखनऊ
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
  • श्रीराम कालेज ऑफ कॉमर्स, उत्तरी परिसर, दिल्ली विश्वविद्यालय
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिक्स पुणे
  • सिबायोसिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, पुणे
  • मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स

अर्थव्यवस्था के आधार पर करें अध्ययन

प्रो. अम्बिका के अनुसार, किसी देश की अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है, इसके लिए अर्थशास्त्र का अध्ययन किया जाता है। अर्थशास्त्र के बुनियादी सिद्धांतों की जानकारी होने से विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक परिघटनाओं का विश्लेषण करने के बाद जो नीतिगत निष्कर्ष निकलते हैं उनका उपयोग व्यवसाय, बैंकिंग, बीमा, विदेशी व्यापार, कृषि उद्योग, राजकोष व मौद्रिक विश्लेषण के साथ-साथ पूंजी बाजार में होने वाले परिवर्तनों का मूल्याकंन करने में ये काफी सहायक सिद्ध हो सकता है। इस स्ट्रीम में करियर बनाने वाले पब्लिक सेक्टर, निजी सेक्टर व भूमंडलीय क्षेत्रों में भी जा सकते हैं। अर्थशास्त्र की अच्छी जानकारी रखने वाले को रोजगार की कोई कमी नहीं होती। इकोनॉमिक्स ऑनर्स के छात्रों को विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित करने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है, इससे वे आर्थिक समस्याओं से जुड़ी जटिलताओं को न समझ सकते हैं।

मार्केट फ्रेंडली कोर्स है इकोनॉमिक्स

इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएट के बाद अवसर और भी ज्यादा मिलते हैं। देश में शोध पर आधारित ढेरों कंपनियां हैं जैसे टेरी (दि एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट), एनआईपीएफ (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी), सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च आदि। ऐसी कंपनियां अर्थशास्त्र को शोध प्रोजेक्ट में रखती हैं। यहां पर परास्नातक और शोध करने वाले छात्रों को विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में अध्यापन का अवसर भी मिलता है। आज सरकारी संस्थानों से इतर निजी संस्थानों की देश में भरमार है। ऐसे संस्थानों में अर्थशास्त्र पर अच्छी पकड़ रखने वालों की काफी मांग है। अर्थशास्त्र की गिनती मार्केट फ्रेंडली कोर्स में होती है। यहां पारंपरिक और नए दोनों तरह के अवसर हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

        

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