पढ़िए, हौसले से गरीबी को हराकर सपनों की उड़ान भरने वाली सबा की कहानी

उम्मीद जगाने वाली ख़बर... पढ़िए कैसे एक मां गरीबी को हराकर अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए लगा रही है जोर

Ashwani Kumar DwivediAshwani Kumar Dwivedi   21 Aug 2018 12:21 PM GMT

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पढ़िए, हौसले से गरीबी को हराकर सपनों की उड़ान भरने वाली सबा की कहानी

रायबरेली (उत्तर प्रदेश)। महज 12 साल की एक लड़की जो की अपनी तलाक शुदा माँ के साथ रायबरेली के सब्जी मंडी स्थित जफर मार्केट की तंग गलियों में बने एक छोटे से मकान में रहती है। माँ घर पर ही सिलाई का काम करती है और उसी से घर का खर्च चलता है। इस बच्ची की उपलब्धियां लोगों को प्रेरणा देने वाली सपनों और कम उम्र में हासिल की गयी उपलब्धियों के बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे।

जानिये क्या हैं सबा की उपलब्धियां

सबा रायबरेली की चकामत पुस्त स्कूल में कक्षा 7 की छात्रा है। बचपन से ही खेल में रूचि रखने वाली सबा अब तक,"ग्रेपलिंग" (महिलाओ की कुश्ती )के खेल में नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मैडल, साउथ एशियन अवार्ड नेपाल में गोल्ड मैडल, मुरादाबाद स्टेट प्रतियोगिता में एक गोल्ड और एक सिल्वर मैडल और राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में 2 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। अब कजाकिस्तान में सितम्बर में होने वाले विश्व चैम्पियनशिप में सबा 6 सितम्बर को देश की तरफ से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कजाकिस्तान रवाना हो चुकी हैं।

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मुसीबतों में पली और जिद ने दिखाया रास्ता

सबा मुतुल आब्दी ने बताया, "मैं बहुत छोटी थी जब माँ को पिता ने तलाक दे दिया था। बिना किसी सहारे के माँ ने न केवल उसे पढाया बल्कि खेल में रूचि होने के चलते "ग्रेपलिंग " में दाखिला भी दिलाया और 12 साल की उम्र तक मुझे ग्रेप्लिंग ने राष्ट्रीय स्तर तक खेलने का मौका मिल गया।" वो आगे बताती हैं,"खेल के दौरान कई बार आर्थिक दिक्कतें सामने आयी पर हर बार कोशिश करने पर कोई न कोई फ़रिश्ता बनकर मदद को आ गया। मेरा एक ही सपना है कि मै देश के खातिर खेल सकू और देश के लिए मैडल जीत सकूँ।"

विश्व चैम्पियनशिप में कजाकिस्तान में खेलने के लिए हुआ चयन

सबा ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया कि "विश्व चैम्पियनशिप खेलने के लिए कजाकिस्तान में मेरा चयन हो गया है। लेकिन वहां जाकर खेलने के लिए 2 लाख 10 हजार रुपयों की जरुरत थी ,मेरी आर्थिक तंगी को देखते हुए एकेडमी ने मेरी 50 हजार फीस माफ़ कर दी लेकिन फिर भी मुझे 1 लाख साठ हजार रुपयों की जरुरत थी और पिछले एक महीने से रायबरेली से लेकर लखनऊ तक सरकारी अधिकारियों के इस उम्मीद में चक्कर काट रही थी कि शायद कोई मददगार मिल जाये,पर कही मदद की उम्मीद नहीं दिख रही थी।

भाजपा के विधायक रामनरेश रावत ने की मदद

रायबरेली के बछरावां विधान सभा के विधायक प्रतिनिधि किशन कुमार ने बताया की सबा मुतुल नाम की ये लड़की मदद के लिए एक प्रार्थना पत्र लेकर मेरे पास आयी इसके बातें सुनने के बाद ये यकींन करना मुश्किल था की इतनी कम उम्र की लड़की विश्व चैम्पियन वो भी "कुश्ती " खेलने के लिए कजाकिस्तान जाना चाहती है। फ़िलहाल इसकी मदद के लिए विधायक से बात की तो उन्होंने इस लड़की की उपलब्धियां और खेल के लिए जूनून देखकर मदद के लिए हामी भर दी और मदद करने के लिए न केवल खेलमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा बल्कि पैरवी भी की। 28 जुलाई को सरकार द्वारा सबा को 1 लाख 60 हजार की मदद स्वीकृत कर दी गयी।

सितम्बर में रिंग में देश की तरफ से उतरेंगी सबा मुतुल

विधायक प्रतिनिधि किशन कुमार ने बताया कि "सबा कजाकिस्तान जा चुकी हैं ,अभी प्रतियोगिता के लिए प्रशिक्षण चल रहा है 6 सितम्बर से 9 सितम्बर के बीच विश्व चैम्पियन में सबा मुतुल ग्रेप्लिंग में अपना प्रदर्शन करेंगी, मैं ही नही रायबरेली के लोगों की नजर भी इस बच्ची पर है हम सबकी ख्वाहिश है ,कि सबा अपने सपने को पूरा करने में कामयाब हो।

    

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