केजीएमयू: लड़कों से आगे निकलीं लड़कियां, 126 में से 84 मेडल पर किया कब्ज़ा

कुल 126 में मेडलों में 84 लड़कियों के हिस्से में गए और 42 मेडल लड़कों को मिलें...

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   31 Oct 2018 5:16 AM GMT

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केजीएमयू: लड़कों से आगे निकलीं लड़कियां, 126 में से 84 मेडल पर किया कब्ज़ा

लखनऊ। केजीएमयू के 30 अक्टूबर को 14वां दीक्षांत समारोह लड़कियों के नाम रहा। कुल 126 में मेडलों में 84 लड़कियों के हिस्से में गए और 42 मेडल लड़कों को मिलें। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सभी छात्र-छात्राओं को मेडल और उपाधि से नवाजा।

इस अवसर पर कुलाधिपति एंव राज्यपाल राज्यपाल उत्तर प्रदेश द्वारा 126 मेडिकोज को मेडल प्रदान किए गए। मेडल पाने वालों में 66 प्रतिशत संख्या छात्राओं की एवं 33 प्रतिशत संख्या छात्रों की रही। 14वें दीक्षांत समारोह पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्थ रिसर्च विभाग के सचिव प्रो0 बलराम भार्गव और इंस्टीट्यूट ऑफ़ लीवर एंड बिलेयरी साइंसेस, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. शिव कुमार सरीन को डीएससी की मानद उपाधि प्रदान की गई।

इन स्टूडेंट्स को मिला हीवेट और चांसलर मेडल

इस वर्ष प्रतिष्ठित हीवेट मेडल वर्ष 2013 एमबीबीएस की छात्रा कृतिका गुप्ता को दिया गया, जबकि अरमीन अली को चांसलर मेडल दिया गया। कृतिका ने एमबीबीएस की फाइनल प्रोफेशनल की परीक्षा में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि एमबीबीएस के सभी प्रोफेशनल वर्ष में शानदार प्रदर्शन किए जाने पर अरमीन अली को चांसलर मेडल दिया गया। इसके साथ ही दीपशिखा त्रिपाठी सबसे ज्यादा मेडल पाने वाली स्टूडेंट बनी। उन्हें एचडी गुप्ता मेमोरियल गोल्ड मेडल समेत कुल 20 मेडल मिले, इसमें से 19 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल शामिल है।

14वें दीक्षांत समारोह में दो नए मेडल डॉ. रामबिहारी सिंह एवं पद्मश्री डॉ. सव्यसांची सरकार गोल्ड मेडल अवार्ड की शुरूआत की गई। नर्सिंग में उत्कृष्टता के लिए पद्मश्री डॉ. सव्यसांची सरकार गोल्ड मेडल अवार्ड एम0एस0सी0 नर्सिंग की छात्रा पल्लवी राय को दिया गया। पल्लवी राय को दोनों सेमेस्टर में बेहतरीन परफोर्म के लिए यह मेडल दिया गया और डॉ. रामबिहारी सिंह मेडल सर्जरी में टॉप करने वाली छात्रा डॉ. प्रियांशी दुदेजा को दिया गया।

इनको मिले गोल्ड मेडल

डॉ. दीपशिखा त्रिपाठी को 19 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल, डॉ. अंशिका मिश्रा को नौ गोल्ड मेडल, डॉ. अरमीन अली को तीन गोल्ड मेडल, डॉ. प्रियांशी दुदेजा, डॉ. पल्लवी राय, डॉ. गायत्री गर्ग, डॉ. निशांत गौरव भारद्वाज, डॉ. अदिति मिश्रा, डॉ. निदा खान, डॉ. हिमांशी पाण्डेय, डॉ. स्नेह किरन रघुवंशी, डॉ. बृजेंद्र बहादुर सिंह, डॉ. प्रणव कुमार यादव, डॉ. दिशा तिवारी, डॉ. अर्जुमान्द अहान, डॉ. रोहित अग्रवाल, डॉ. आतिया समरीन, डॉ. अरोही गुप्ता, डाॅ0 मेघनाथन, डॉ. पुरषोतम कुमार बघेल, डॉ. सुकीर्ति आहूजा, डॉ. निधि भटनागर, डॉ. तूलिका कुमारी, डॉ. अर्पिता गुप्ता, डॉ. अजय प्रताप सिंह, डॉ. प्राची राय, डॉ. शिखा वर्मा, डॉ. सुगंधा जौहरी, डॉ. सुजाता सिंह, डॉ. मीटू गोयल, डॉ. सुभी पाण्डेय, डॉ. पदनाभन कंडास्वामी, डॉ. वंकार समीर गनपत, डॉ. हरिकृष्णन वी, डॉ. सनी गोयल, डॉ. सुधाकर पाण्डेय, डॉ. गुरूप्रसाद रेड्डी, डॉ. मनन मयूर मेहता, डॉ. एल. मनीकंदन।

प्रो. सीजी अग्रवाल को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

दीक्षांत समारोह में मेडिसिन विभाग के प्रो. सीजी अग्रवाल को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकीय सेवाओं के लिए डॉ. केबी भाटिया गोल्ड मेडल एंड लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के शुभारम्भ में केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भटट् ने विगत एक वर्ष में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। उनके द्वारा बताया, "150 एकड़ क्षेत्र में विस्थापित यह विश्वविद्यालय जहां पर 3500 से अधिक चिकित्सा दंत, नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं और 500 से अधिक चिकित्सक, 750 रेजीडेंट तथा 5000 कर्मचारी कार्यरत हैं। चिकित्सा विश्वविद्यालय का गांधी मेमोरियल अस्पताल 4000 से अधिक बेड की क्षमता वाला है, जहां पर प्रतिदिन लगभग 10 हजार मरीजों को वाह्य रोग विभाग द्वारा चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जाती है।"

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि मनीपाल यूनिवर्सिटी के नेशनल रिसर्च प्रोफेसर डॉ. एमएस वालियाथन ने अपने प्रबोधन में मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपने वर्षो के अनुभव को सांझा करते हुए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि एक बेहतरीन चिकित्सक बनने के लिए कड़ी प्रैक्टिस की जरूरत होती है, साथ ही मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार करके ही आप बेहतर चिकित्सा सेवा कर सकेंगे।

समारोह में आये किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आंकड़ो के हिसाब से उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के बारे में समझाया। उन्होंने बताया, "उत्तर प्रदेश में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष की बात करें तो कुल 26 विश्विद्यालय में 51 प्रतिशत लड़कियों ने उपाधि प्राप्त की है और बाकी लड़कों ने प्राप्त की है। इस वर्ष अभी तक 22 विश्वविद्यालय में 52 प्रतिशत लड़कियों ने उपाधि प्राप्त की हैं। इससे साफ़ साबित होता है कि लड़कियां लड़कों से तेजी से आगे बढ़ रही हैं।"

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कृतिका गुप्ता

कृतिका गुप्ता को हीवेट मेडल के साथ नौ मेडल दिए गये हैं। कृतिका बताती हैं, "हम हृदय विशेषज्ञ बनना चाहते हैं। हमारी मम्मी का सपना था कि उनकी बेटी डॉक्टर बने। हमारी छोटी बहन भी डॉक्टर बनना चाहती है।" ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा करने बारे में कृतिका ने बताया, "ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर हम तभी काम कर सकते हैं जब वहां पर सुविधाएँ हों। अपने एमबीबीएस के दौरान हमने दो वर्ष के लिए हमने ग्रामीण क्षेत्रों में काम किया लेकिन कोई सुविधा नहीं मिलती हैं वहां पर इलाज किया जा सके। मैं एक सुपरस्पेशलिस्ट बनना चाहती हूँ।"

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अंशिका मिश्रा को नौ गोल्ड और एक सिल्वर मेडल मिले हैं। गोरखपुर में रहने वाली अंशिका के पिता गुलाब चंद अध्यापक और मां विजय लक्ष्मी मिश्रा गृहिणी हैं। अंशिका ने बताया, "मेडिसिन से पीजी करना है। मरीजों की सेवा ही मेरी प्राथमिकता होगी।

अंशिका मिश्रा

बहुत सारे मरीजों को मैंने देखा है जो शहर के लोगों को तो फिर भी जानकारी रहती है लेकिन गाँव के लोगों को जानकारी नहीं होती हैं। ग्रामीण क्षत्रों में सेवा करने का मौका मिलेगा तो मैं पीछे नहीं हटूंगी।"

दीपशिखा त्रिपाठी

दीपशिखा त्रिपाठी को 19 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल मिला है। दीपशिखा ने बताया, "मैंने पहले भी ग्रामीण क्षेत्रों में काम किया है और हमेशा करती रहूंगी। हमारे कॉलेज में बहुत सारे ऐसे लोग आते हैं जिन्हें जानकारी नहीं होती है ऐसे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दिलवाने का काम करुँगी। सरकारी नौकरी हो या प्राइवेट नौकरी दोनों में कोई फर्क नहीं होना चाहिये। मैं लोगों की सिर्फ सेवा करना चाहती हूँ।"

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