न्यूट्रिशनिस्ट बन संवारें करियर

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न्यूट्रिशनिस्ट बन संवारें करियरप्रतीकात्मक तस्वीर।

लोगों की बदली जीवनशैली और खानपान की खराब आदतों का सबसे ज्यादा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसीलिए हाल के दिनों में लोगों के बीच बैलेंस्ड डाइट को लेकर जागरूकता बढ़ी है। हालांकि बैलेंस्ड डाइट व्यक्ति विशेष की अपनी जरूरतों पर आधारित होती है, इसीलिए इसे लेकर लोगों में अक्सर भ्रम भी रहता है।

इसी भ्रम को दूर करके फूड न्यूट्रिएंट्स के हिसाब से हमें सुझाव देते हैं डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट। अगर आपको भी फूड साइंस और न्यूट्रिशन में रुचि है, तो आप इसमें करियर बनाने का सोच सकते हैं। इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाएं यह बता रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट सुरभि जैन-

क्या है न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स?

यह फूड साइंस से जुड़ा एक ऐसा कोर्स है, जिसमें फूड न्यूट्रिएंट्स के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसी के आधार पर बड़े स्तर पर लोगों में न्यूट्रिशन से जुड़ी समस्याओं को पहचानकर उन्हें दूर करने के लिए सामाजिक और तकनीक के स्तर पर समाधान तलाशे जाते हैं। यही नहीं, सरकारी इकाइयों और स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों को भी इन्हीं के अनुसार स्वास्थ्य नीति में बदलाव के सुझाव दिए जाते हैं।

कोर्स

इस फील्ड में करियर प्लान करने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषय लेकर पढ़ने वाले विद्यार्थी होम साइंस व फूड साइंस एंड प्रॉसेसिंग में बीएससी, फूड साइंस एंड माइक्रोबायोलॉजी, न्यूट्रिशन, न्यूट्रिशन एंड फूड साइंस और न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स में बीएससी ऑनर्स कर सकते हैं। इसके अलावा डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन में डिप्लोमा और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद आप इन्हीं विषयों में एमएससी कर सकते हैं। इस फील्ड में रिसर्च का भी काफी स्कोप है। हायर स्टडीज करने वाले विद्यार्थियों को इस फील्ड में मौके भी बहुत मिलते हैं।

जरूरी स्किल्स

अगर आपको फूड इंग्रीडिएंट्स में रुचि है और अलग-अलग पकवानों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री में मौजूद न्यूट्रिएंट्स के बारे में पढ़ना व उनके हिसाब से डाइट में परिवर्तन करना पसंद है, तो आप इस फील्ड में जरूर आएं क्योंकि इसमें आपको नियंत्रित डाइट का सही प्लान बनाने का तरीका सिखाया जाता है। बॉडी मास इंडेक्स के हिसाब से आप अपना खुद का फूड चार्ट भी डिजाइन कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

  • बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिर्वसिटी, लखनऊ
  • वीएलसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ ब्यूटी एंड हेल्थ, लखनऊ
  • इसाबेला थोबर्न कॉलेज, लखनऊ
  • आईएचएम लखनऊ
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन, हैदराबाद
  • जेडी बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ होम साइंस, कोलकाता
  • लेडी अर्विन कॉलेज, दिल्ली
  • एसएनडीटी विमेंस यूनिवर्सिटी, मुंबई
  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ, कोलकाता
  • मुंबई यूनिवर्सिटी

भविष्य की संभावनाएं

आप सरकारी क्षेत्र और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों में अपना करियर बना सकते हैं। अमूमन इस फील्ड में चार तरह के न्यूट्रिशनिस्ट काम करते हैं:

क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट

ये हॉस्पिटल्स, आउटपेशेंट क्लिनिक्स और नर्सिंग होम्स में काम करते हैं। इसमें आपको रोगियों की बीमारियों के हिसाब से उनका डाइट चार्ट प्लान करना होगा।

मैनेजमेंट न्यूट्रिशनिस्ट

ये न्यूट्रिशनिस्ट क्लिनिकल और फूड साइंस एक्सपर्ट्स होते हैं। ये बड़े संस्थानों में काम करने वाले एक्सपर्ट्स का मैनेजमेंट करते हैं। इसके अलावा इन्हें न्यूट्रिशनिस्ट्स की प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जिम्मेदारी भी दी जाती है।

न्यूट्रिशन एडवाइजर

ये एक्सपर्ट्स बिना किसी संस्थान से जुडे, किसी डॉक्टर की तरह अपनी स्वतंत्र प्रैक्टिस करते हैं और लोगों को न्यूट्रिशन से जुड़ी सलाह व मार्गदर्शन देते हैं। इस तरह की फ्रीलांसिंग में भी अच्छी संभावनाएं हैं।

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