वर्ष 2018 में इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में दो लाख नौकरियां

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वर्ष 2018 में इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में दो लाख नौकरियांफोटो साभार: इंटरनेट

नई दिल्ली (भाषा)। बीता साल भारत में नौकरियों के लिए थोड़ा व्यवधान भरा रहा, लेकिन वर्ष 2018 में नौकरियों का परिदृश्य बेहतर दिख रहा है। इस साल सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दो लाख से अधिक नौकरियां मिलने की उम्मीद है।

कौशल को बेहतर कर बचा सकते हैं नौकरी

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारतीय रोजगार बाजार तीव्र बदलाव के दौर से गुजर रहा है और इसका श्रेय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उभार को जाता है। इस बदलाव के दौर में खुद के कौशल को बेहतर बनाकर ही कर्मचारी अपनी नौकरी को बचाए रख सकते हैं। स्वाचालन के आने से जहां कई श्रेणी की नौकरियां जाएंगी, वहीं मोबाइल विनिर्माण, वित्तीय तकनीक और स्टार्टअप क्षेत्र में हालत बेहतर दिखते हैं।

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करीब 20 प्रतिशत अधिक नियोक्ता नौकरियां देंगे

टीमलीज सर्विसेस की आईटी नौकरियों की महाप्रबंधक अल्का ढींगरा ने कहा, ‘वित्तीय सेवा क्षेत्र में सुधार और कारोबारों के डिजिटलीकरण व स्वाचालन में बढ़ते निवेश का परिणाम कारोबार वृद्धि के रूप में होने की उम्मीद है।“ आगे कहा, “नौकरियों में वृद्धि की एक और वजह नए नियोक्ताओं का आना है। वर्ष 2018 में करीब 20 प्रतिशत अधिक नियोक्ता नौकरियां देंगे।“

डिजिटल कौशल से लैस कार्यबल की ज्यादा जरुरत

उन्होंने कहा, “भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में 2018 में 1.8 लाख से दो लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। भारत डिजिटल इंडिया की तरफ आगे बढ़ रहा है। ऐसे में डिजिटल कौशल से लैस 50 प्रतिशत अधिक कार्यबल की जरुरत होगी।“

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नई तकनीकों ने डिजिटल कार्यस्थल और अर्थपूर्ण कर्मचारी अनुभव की जरुरत को बढ़ा दिया है। उच्च प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का निर्माण करना एक चुनौती बना हुआ है। कार्यस्थल पर स्वाचालन से नए तरह के रोजगार पैदा हो रहे हैं।
अब्दुल जलील, उपाध्यक्ष, अडोबी इंडिया

नए तरह के रोजगार पैदा हो रहे

इसी तरह की बात अडोबी इंडिया के उपाध्यक्ष (कर्मचारी अनुभव) अब्दुल जलील ने कही। उन्होंने कहा, “नई तकनीकों ने डिजिटल कार्यस्थल और अर्थपूर्ण कर्मचारी अनुभव की जरुरत को बढ़ा दिया है। उच्च प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का निर्माण करना एक चुनौती बना हुआ है। कार्यस्थल पर स्वाचालन से नए तरह के रोजगार पैदा हो रहे हैं।“ फिक्की-नासकॉम और ईवाई की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक भारत में 60 करोड़ कार्यबल के जुड़ने की उम्मीद है। यह नौ प्रतिशत वृद्धि को दिखाता है।

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