‘साहब… 40 हजार छात्रों का सवाल है, अब नौकरी दो या इच्छामृत्यु’
Kushal Mishra 14 Jan 2018 5:10 PM GMT

लखनऊ। “साहब… 40 हजार छात्रों का सवाल है, दस महीने हो गए इंतजार करते-करते, आखिर सरकार भर्तियां कब शुरू करेगी, हम कब तक इंतजार करें, अब तो नौकरी दो या इच्छामृत्यु।“ यह दर्द है 24 साल के छात्र संदीप सिंह का, जिसे शायद नौकरी मिलने ही वाली थी, लेकिन ऐन वक्त में सरकार ने भर्ती प्रक्रिया रोक दी।
परीक्षा हुई, परिणाम भी आया, मगर…
संदीप सिंह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का रहने वाला है, जिसने पिछली सरकार में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की ओर से निकली भर्तियों में सहायक लेखाकार पद के लिए आवेदन किया था। परीक्षा हुई, परिणाम भी आया, साक्षात्कार भी हुआ, मगर अंतिम परिणाम आने के मात्र 17 दिन पहले भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया। संदीप सिंह की ही तरह उत्तर प्रदेश में ऐसे ही 40,000 छात्रों का भविष्य लंबे समय इंतजार के बाद भी अधर में है।
क्या है मामला
पिछली समाजवादी सरकार में समूह ‘ग’ की भर्ती के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था। तब आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक, सहायक लेखाकार, गन्ना पर्यवेक्षक समेत कई पदों के लिए 11,500 भर्तियां निकाली।
कब-कब क्या हुआ
- 18 जनवरी 2016 को सबसे पहले ग्राम विकास अधिकारी की भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया, 10 फरवरी 2016 को कनिष्ठ सहायक की भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया।
- 24 मार्च 2016 को कनिष्ठ सहायक भर्तियों के लिए लिखित परीक्षा हुई।
- 16 मई 2016 को लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया।
- 21 जुलाई से 31 अगस्त 2016 तक इन पदों पर टाइपिंग टेस्ट करवाया गया।
- 21 अक्टूबर 2016 को टाइपिंग टेस्ट का परिणाम घोषित किया गया।
- 19 दिसम्बर से 17 अप्रैल, 2017 तक इन पदों पर साक्षात्कार का होना था आयोजन।
- 27 मार्च, 2017 तक साक्षात्कार का आयोजन भी हुआ।
- 28 मार्च 2017 से नई भाजपा सरकार आते ही इन पदों पर अपरिहार्य कारणों से रोक लगा दी गई। सरकार ने आयोग को भंग कर दिया।
- 90 दिनों के अंदर भाजपा सरकार ने नये सिरे से आयोग के गठन करने को लेकर मंजूरी दी।
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90 प्रतिशत पूरी हो चुकी थीं भर्तियां
भर्ती प्रक्रिया के दोबारा शुरू होने का इंतजार कर रहे बाराबंकी जिले के एक और छात्र नीरज मिश्रा (25 वर्ष) बताते हैं, “जिन पदों के लिए आयोग ने भर्तियां निकाली थी, उन सभी पदों की 90 प्रतिशत तक भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। तब मार्च महीने में सरकार ने कहा था कि 90 दिनों में दोबारा आयोग का गठन होगा और भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर उन्हें पूरा किया जाएगा। मगर 10 महीने बीत चुके हैं, न तो अब तक आयोग का गठन हुआ और न ही भर्ती प्रक्रिया के लिए कुछ किया गया। तब से 40,000 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।“
‘आवाज उठाई, गुहार लगाई, मगर कुछ नहीं हुआ’
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक और छात्र रजत शर्मा बताते हैं, “हम छात्रों ने भर्तियों को शुरू करने को लेकर सरकार के खिलाफ लखनऊ, इलाहाबाद समेत कई शहरों में धरना दिया, प्रदर्शन किया, गुहार लगाई, मगर कुछ नहीं हुआ। विधानसभा के सामने एक लड़के ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की, मगर अब तक सरकार कोई जवाब नहीं देती, सिर्फ आश्वासन देती है। अब तो हमारी मांग है कि या तो हमें नौकरी दो या इच्छामृत्यु।“
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‘आखिर कितने आश्वासन दिए जाएंगे’
लखनऊ के ही एक और छात्र गौरव श्रीवास्तव बताते हैं, “हमें पहले 90 दिनों तक आयोग के दोबारा गठन होने का आश्वासन दिया गया, फिर हम लगातार आवाज उठाते रहे, तत्कालीन मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने भर्ती प्रक्रिया जल्दी शुरू करने का आश्वाशन भी दिया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।“ गौरव आगे बताते हैं, “अंत में सरकार ने 31 दिसंबर तक आयोग के गठन की प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया, 31 दिसंबर तक भी आयोग का गठन नहीं हो सका, फिर 15 जनवरी तक का समय दिया है, आज मकर संक्रांति है, और कल 15 तारीख है, और अभी भी सरकार की ओर से आयोग गठन को लेकर कोई जवाब नहीं मिल सका है। आखिर हमें कितने आश्वासन दिए जाएंगे। आयोग पर निर्णय न ले पाना सरकार की युवाओं के प्रति सोच को प्रदर्शित करता है।“
लगातार बढ़ता जा रहा है गुस्सा
लंबे समय से नौकरी पाने का इंतजार कर रहे ऐसे छात्रों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। छात्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के खिलाफ अपना विरोध मुखर कर रहे हैं। देखें कुछ टवीट…
Mam please help once read it. #upsssc #UPSSSC_नौकरी_दो_या_इच्छामृत्यु pic.twitter.com/jN7v6EZUm1
— #UPSSSC (@UpssscNaukariDo) January 11, 2018
हमारी रुकी हुई भर्तियों को संज्ञान में ली थी और उत्तर प्रदेश सरकार को याद दिलाइए कि हम युवा ही देश को बदलते हैं सर हमें हमारी मेहनत का फल चाहिए नहीं तो इच्छा मृत्यु दे दीजिए हम अब जीना नहीं चाहते #UPSSSC_नौकरी_दो_या_इच्छामृत्यु @rashtrapatibhvn
— Suraj Singh CHAUHAN (@SurajSi90500475) January 14, 2018
#UPSSSC_नौकरी_दो_या_इच्छामृत्यु
— devendra gautam (@devendra521) January 14, 2018
श्रीमान हम लोग पिछले 10 महीने से घुट घुट के जी रहे हैं बस आप की सरकार के निर्णय ना लेने की वजह से हमारी गलती क्या थी जो हमारी मेहनत पर प्रश्न चिन्ह लगाकर पिछले 10 महीने से बैठे हुए हैं आयोग का अध्यक्ष तक नहीं नियुक्त कर रहे हैं कैसे जिए हम लोग pic.twitter.com/LFJgGlAEGe
क्या है स्थिति
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में करीब 60 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं, बड़ी बात यह है कि इन खाली पड़े पदों में से करीब 50 हजार से ज्यादा पद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के दायरे में आते हैं। समूह ‘ग’ की भर्तियों के लिए इस आयोग का गठन किया गया था, आयोग भंग होने के बाद आयोग के अध्यक्ष पद समेत 7 सदस्यों के पद खाली पड़े हैं। अब तक आयोग के रिक्त पदों में चयन के लिए सरकार की कोई स्थिति साफ नहीं हो सकी है।
असल में चयन आयोग का दायरा बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में अब सभी भर्तियां यूपीएसएसएससी के द्वारा ही की जाएंगी। दायरा बढ़ने से कुछ देरी सामने आ रही है। मगर मैं सभी छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आयोग गठन को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरणों में है और बहुत जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।डॉ. चंद्रमोहन, भाजपा प्रवक्ता, उत्तर प्रदेश
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