जो ये सोचते है कि लड़कियां बोझ होती हैं वो एक नज़र इधर भी डाल लें
Diti Bajpai 9 May 2017 9:38 AM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। गुड़िया देवी (22 वर्ष) न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि हजारों ग्रामीणों की मदद करके उन्हें भी आत्मनिर्भर बना रही हैं।उन्नाव जिला मुख्यालय से लगभग 60 किमी. दूर बीघापुर तहसील के ऊंचागाँव में रहने वाली गुड़िया अपने गाँव के हजारों लोगों की मदद करके उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं।
बीघापुर तहसील में करीब 150 गाँव आते हैं। इन सभी गाँव के लोग गुड़िया की मदद लेते हैं। “गाँव में जिन महिलाओं की विधवा पेंशन नहीं मिलती थी, उन्हें पेंशन दिलवाई है। गुड़िया ने एक एनजीओ की मदद से गाँव के आस-पास के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लेदर डिजाइनिंग कोर्स सिखवाया, फिर उनको रोजगार भी मिला।”
कई योजनाएं हैं, जिनका लाभ ग्रामीण उठा नहीं पाते हैं। उन लोगों को लाभ पहुंचाना मुझे अच्छा लगता है। गाँव के 500 से भी ज्यादा लोग हैं, जिनके मजदूर कार्ड बनवाकर मैंने काम दिलाया है।गुड़िया देवी, ऊंचागाँव, उन्नाव
गुड़िया अपने सपनों के बारे में बताती हैं, “मैं माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना चाहती हूं। उत्तरकाशी के नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मांउटेनरी से एक महीने की ट्रेनिंग भी की है। इसके लिए मैं फिर से ट्रेनिंग पर जाऊंगी।” माउंट एवरेस्ट का सपना देखने वाली गुड़िया ट्यूशन पढ़ाकर अपना और अपने भाई-बहनों की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं।
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लगभग चार वर्ष पहले उत्तराखंड में आई त्रासदी में लगभग बीस दिनों तक गुड़िया ने वहां रहकर लोगों की सेवा की। गुड़िया बताती हैं, “कई-कई दिन पुराने पानी में सड़ रहे शवों को बाहर निकाल कर उन्हें उनके परिवार वालों को दिया। लोगों की मदद करने में मुझे अच्छा लगता है। इस काम के लिए मुझे उत्तराखंड सरकार ने सम्मानित भी किया।”
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