50 साल की उम्र में किसान पर चढ़ा कुछ नया करने का जुनून, अब 4 महीने में 15 हजार खर्च कर ब्रोकली से कमाते हैं एक लाख

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50 साल की उम्र में किसान पर चढ़ा कुछ नया करने का जुनून, अब 4 महीने में 15 हजार खर्च कर ब्रोकली से कमाते हैं एक लाखब्रोकली दिखाते किसान बाबूलाल।

भारती सचान/डाॅ. विवेक त्रिवेदी

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कानपुर देहात। पहले वह अपने खेतों में आलू, गेहूं और मक्का खूब करते थे, लेकिन फायदा बहुत कम होता था। अब वह औषधीय फसलें करने लगे हैं, जिससे उनको लाखों का फायदा होता है। नई फसलों से वह काफी प्रभावित हुए हैं।

हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर पश्चिम दिशा में संदलपुर विकास खंड के ग्राम निटर्रा निवासी किसान बाबूलाल निषाद (58वर्ष) की। वह बताते हैं कि पांच साल पहले तक वह पुराने परंपरा की तरह फसलें करते थे, लेकिन उनको कुछ नया करने का जुनून था। साथ ही अधिक लाभ कमाना भी लक्ष्य। इस लक्ष्य को आखिर पूरा करने के लिए मददगार बना रेडियो पर आने वाला कार्यक्रम।

बाबूलाल बताते हैं “उन्होंने रेडियो पर तरह-तरह की फसलों के बारे में सुना। उससे प्रभावित होकर वह कृषि और उद्यान विभाग पहुंचे। इसके बाद उन्होंने ब्रोकली और नेपाली सतावर की खेती शुरू कर दी।” वह आगे कहते हैं “एक बीघा ब्रोकली में खर्चे निकालकर 10-15 हजार की लागत आती है। जब वह करीब चार महीने में फसल बिक्री करते हैं तो खर्चे निकालकर एक लाख की रकम सीधी होती है।” बाबूलाल बताते हैं कि एक फूल की कीमत 25-40 रुपए तक मिलती है। इसके लिए उनको औरैया जिले में स्थित एनटीपीसी जाना पड़ता है। एक बीघा में नेपाली सतावार भी बाबूलाल करते हैं। इसमें भी उनको खूब फायदा होता है। वह बताते हैं कि एक बीघा जमीन में फसल से करीब डेढ़ लाख रुपए मुनाफा हो जाता है।

नेपाली सतावर का पौधा।

बाबूलाल की तरह अन्य किसान अगर खेती करने लगें तो देश के कृषकों की हालत ही बदल जाए। बाबूलाल अच्छी औषधीय खेती करते हैं। उनको कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
रामसजीवन, जिला कृषि अधिकारी, कानपुर देहात

ब्रोकली के साथ ही ग्लोडियोलस की खेती

बाबूलाल खेती में माहिर माने जाते हैं। एक ओर जहां वह औषधीय खेती में पूरा मन लगा रहे हैं तो दूसरी ओर ब्रोकली के साथ ही उसी फसल के दौरान ग्लोडियोलस की खेती भी करते हैं। बाबूलाल बताते हैं कि ग्लोडियोलस फूल की एक टहनी आठ से 10 रूपये में बिक्री की जाती है। इसमें भी अच्छा मुनाफा होता है।

ग्लोडियोलस और ब्रोकली की फसल एक साथ।

कैंसर में काम आती है ब्रोकली

ब्रोकली कैंसर के उपचार में काम आती है। यह गोभी की तरह होती है। बाबूलाल बताते हैं कि ब्लड और प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी ब्रोकली मददगार है।

दूध की मात्रा बढ़ाता है सतावर

सतावर मवेशियों में दूध की मात्रा बढ़ाता है। बाबूलाल का कहना है कि जिन महिलाओं में भी यह दिक्कत है वह कमी भी इससे दूर होती है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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