आम की दुकान की आड़ में कच्ची शराब का धंधा

Swati ShuklaSwati Shukla   30 July 2016 5:30 AM GMT

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आम की दुकान की आड़ में कच्ची शराब का धंधाgaonconnection

हरदोई। भले ही हाल में एटा और फर्रुखाबाद जिले में कच्ची शराब ने तीन दर्जन से अधिक लोगों की जान ले ली हो लेकिन इससे कोई सबब किसी जिले ने नहीं सीखा।

हरदोई में महिलाओं ने कच्ची शराब की बिक्री का नया जरिया इजाद किया है। खुलेआम सड़कों पर आम की दुकान के आड़ में कच्ची शराब बेची जा रही है।

जिले के 15 से 20 गाँवों में आम के साथ कच्ची शराब का धंधा चलता है। आम भले कम बिकें मगर शराब की बिक्री में कोई भी कमी नहीं नजर आ रही है। जिले के कछौना ब्लॉक के स्कूल के छात्र-छात्राओं ने स्वयं प्रोजेक्ट के तहत बताया कि यहां सबसे बड़ी समस्या कच्ची शराब ही है। महिलाएं बेचने का काम कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लड़के शराब को सुरक्षित तरीके से स्टोर करने का काम करते हैं। ताकि पुलिस को इसकी कानोंकान खबर न हो सके।

गीता देवी इण्टर कॉलेज के छात्र आलोक सिंह (16 वर्ष) ने बताया, “घर के सामने पैकेटों में कच्ची शराब पैक करके औरतें बेचती हैं। आदमी वहां से निकलते हैं, तो उससे पूछती हैं का शराब पीहो… और शराब पिलाने के बाद पैसे लेती हैं।” उसने आगे बताया, “यहां पर कच्ची शराब पीने के बाद लोगों की मौतें हो रही हैं, बच्चे अनाथ हो रहे हैं। आम के बागों में स्टोरेज है। ये बाग शराब रखने और पीने का अड्डा बने हैं। शराब पीकर उसकी पॉलीथीन को उसी बाग में फेकते है, जिसे जानवर खाकर बीमार पड़ जाते हैं।”

वो बताता है, “आम की बागों के सामने सड़कों पर ये बोरे बिछाकर बैठ जाती हैं। पेटियां और झउवा में आम रख लेती हैं और उसी के आड़ में नीचे की तरफ शराब के पाउच रखे रहती हैं। अधिकतर शराब पीने वाले लोग भी इन्हीं दुकानों में ही रुकते हैं और पाउच लेकर चले जाते हैं।”

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

 

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