खुले में शौच जाने से बच्चे होते हैं बौने

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खुले में शौच जाने से बच्चे होते हैं बौनेलोगों को शौचालय बनवाने की दी गई जानकारी।

अशोक सिंह, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

मिर्जापुर। आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल, रंजन कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को मण्डल को खुले में शौच से मुक्त बनाए जाने के लिए कराए जा रहे कामों की समीक्षा की गई। इस दौरान रंजन कुमार ने कहा, “शौचालय का उपयोग करने से गन्दगी से दूर रहकर स्वच्छता अपनाने से बच्चों का मानसिक विकास तेजी से बढ़ता है। इसलिए सभी लोग खुले में शौच न जाकर शौचालय का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि जो लोग सक्षम हैं, अपने घरों में शौचालय जरूर बनवाएं।” साथ ही बीपीएल परिवार के लोगों को संबंधित विभाग द्वारा नियमानुसार अनुदान मुहैया कराया जाए जिससे वे शौचालय बनवा सकें।

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यूनीसेफ भी भारत सरकार के साथ इसके लिए काम कर रहा है कि किस तरह लोगों को खुले में शौच करने से रोका जाए। जितना दबाव इस काम के लिए सरकार का अधिकारियों पर है, उसी तरह का दबाव यूनीसेफ के अधिकारियों पर है।भारत में यूनीसेफ के चीफ निकोलस के मुताबिक रिसर्च में यह सामने आया है कि खुले में शौच जाने से देश को 50 हजारकरोड़ रूपये का नुकसान होता है। इसके अलावा अनेक बीमारियां भी लोगों के अन्दर पैदा होती हैँ। खुले में शौच जाने से हर 10 बच्चे में चार बच्चा बौना होता है और प्रत्येक पांच बच्चों में से एक बच्चा डायरिया रोग से ग्रसित होकर मौत का शिकार हो जाता है।

रंजन कुमार ने कहा कि भारत और प्रदेश सरकार चाहती है कि हर घर में शौचालय बने और प्रदेश खुले में शौचमुक्त होकर स्वच्छ भारत मिशन की परिकल्पना को साकार करे। उनके मुताबिक उत्तर प्रदेश के भ्रमण के दौरान उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि प्रदेश स्तर पर सरकार, जनपद स्तर पर अधिकारी और ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान खुले में शौचमुक्त के खिलाफ प्रयास कर रहे हैं।

भारत में यूनीसेफ के चीफ निकोलस के मुताबिक रिसर्च में यह सामने आया है कि खुले में शौच जाने से देश को 50 हजार करोड़ रूपये का नुकसान होता है। इसके अलावा अनेक बीमारियां भी लोगों के अन्दर पैदा होती हैँ। खुले में शौच जाने से हर 10 बच्चे में चार बच्चा बौना होता है और प्रत्येक पांच बच्चों में से एक बच्चा डायरिया रोग से ग्रसित होकर मौत का शिकार हो जाता है।

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