एचआईवी-एड्स रोगियों को नौकरी से निकालने पर मिलेगी सजा, कानून को मंजूरी
गाँव कनेक्शन 24 April 2017 6:58 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। अब देश में एचआईवी-एड्स पीडित लोगों को नौकरी देने से इनकार करने या नौकरी से निकालने पर कडी सजा का सामना करना पडेगा। इस संबंध में एक नये कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी है।
कानून के प्रावधानों के अनुसार इस तरह की बीमारियों से पीड़ित लोगों के खिलाफ नफरत फैलाते पाये गये लोगों को कम से कम तीन महीने की कैद की सजा सुनाई जाएगी जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है और उन पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अधिकारियों ने आज बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिछले दिनों एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 को मंजूरी दे दी। लोकसभा ने इस बाबत 11 अप्रैल को एक विधेयक पारित किया था।
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राज्यसभा ने 21 मार्च को इसे मंजूरी दे दी थी। नये कानून में एचआईवी ग्रस्त लोगों की संपत्ति और उनके अधिकारों को संरक्षण प्रदान करने के प्रावधान हैं। किसी व्यक्ति के एचआईवी ग्रस्त होने की जानकारी सार्वजनिक करते पाये गये लोगों को अधिकतम एक लाख रुपए तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। कानून में एचआईवी या एड्स से पीड़ित किसी भी शख्स के साथ रोजगार, शिक्षण संस्थानों में और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने में भेदभाव करने को प्रतिबंधित किया गया है।
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