मजदूर की बेटी ने किया कमाल, आँखों से 75 फीसदी दिव्यांग कीर्ति बनीं टॉपर

माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की परीक्षा में कीर्ति ने आठवां स्थान पाया है, अपने तीन भाई-बहन में सिर्फ कीर्ति ने ही पढ़ाई जारी रखी थी और आखिरकार अपनी मेहनत से उसने टॉपर की सूची में स्थान बनाया।

Sachin Tulsa tripathiSachin Tulsa tripathi   28 July 2020 7:34 AM GMT

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मजदूर की बेटी ने किया कमाल, आँखों से 75 फीसदी दिव्यांग कीर्ति बनीं टॉपरमध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल के हायर सेकेंडरी परीक्षा के परिणामों में कीर्ति कुशवाहा बनीं टॉपर। फोटो : सचिन तुलसा त्रिपाठी

सतना (मध्य प्रदेश)। दिव्यांगता भी हुनर के आगे नतमस्तक हो जाती है, इस बात को बखूबी साबित किया है मध्य प्रदेश के सतना जिले की रहने वाली एक मजदूर की दिव्यांग बेटी कीर्ति कुशवाहा ने।

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हायर सेकेंडरी परीक्षा के परिणाम घोषित किये हैं। इन परिणामों में आंखों की करीब 75 फीसदी रोशनी खोने के बाद भी बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में कीर्ति ने टॉप कर कीर्तिमान रचा है। कामर्स विषय में राज्य की मेरिट सूची में कीर्ति ने आठवां स्थान हासिल कर दिव्यांगता को मात दी है।

दिव्यांग छात्रा कीर्ति कहती हैं, "मुझे शुरुवात से ही पढ़ाई में बहुत मुश्किलें आयीं, मगर मैंने मेहनत बहुत की। मुझे इस बार मेरिट में आना ही था क्योंकि मुझे बहुत लोगों ने कहा था कि तुम कुछ नहीं कर सकती, तो उनको जवाब देना था ये उनके लिए अच्छा जवाब था मेरे ख्याल से।"

सतना में सीमेंट फैक्ट्री के पास बसी घूरडांग बस्ती में टीन के एक मकान में रहने वाली कीर्ति के पिता मजदूर हैं। इस घर में रहकर कीर्ति प्रियंबदा बिरला स्कूल में पढ़ने के लिए जाती थीं।

कीर्ति 'गाँव कनेक्शन' से बताती हैं, "मेरी आखों की समस्या पैदाइश से ही है। शब्द पास से ही दिखते हैं छोटे-छोटे।" ताना कौन मारता है के सवाल पर कीर्ति कहती हैं, "जिससे बहस हो जाती थी वही ताना मारने लगते थे।"

कीर्ति ने 500 के पूर्णांक में 472 अंक हासिल का स्थान बनाया है। तीन भाई-बहन हैं। आर्थिक परिस्थितियों के कारण बड़े भाई की पढ़ाई छूट चुकी थी और छोटे वाले ने खुद से छोड़ दी थी।

कीर्ति कहती हैं, "मैं ही थी जो घर में पढ़ती थी। मैंने पढ़ाई में आर्थिक समस्याएं नहीं देखी और पढ़ाई में पूरा ध्यान दिया। पैसे की दिक्कतें आती थीं तो कोचिंग शुरू कर दी। कोचिंग से ही अपनी पढ़ाई की फीस के लिए पैसा निकाल लेती थी।"

कीर्ति की उपलब्धि से घर के लोग भी बहुत खुश हैं। मां रश्मि कुशवाहा कहती हैं, "बच्ची की पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष किया है। कुछ नहीं तो थोड़ा बहुत पीको-फाल करती थी। कीर्ति बच्चों को पढ़ाती भी थी, तो दोनों का मिलाकर पैसा हो जाता था।"

वह कहती हैं, "लड़की के लिए जितना कर सकती थी, करती थी। दिन धूप दोपहर कुछ नहीं देखती थी, पिता कवि शंकर का टेंट के काम में लगे थे मगर वह भी कोरोना के चपेट में मंदा पड़ा है।"

आखों से कम दिखाई देने के कारण बहुत पास से ही देख पाती हैं कीर्ति। फोटो : सचिन तुलसा त्रिपाठी

कीर्ति की दादी सुखतारा देवी बताती हैं, "बच्ची बड़े कष्ट से पली है। उसके बचपन से ही आंख का मालूम ही नहीं चला, जब वह स्कूल जाने लगी तभी पता चला। डॉक्टर से इलाज भी कराए। डॉक्टर ने कहा कि 10 परसेंट ही उम्मीद है। चश्मा के लिए भी मना कर दिया था कहा था कि जो है भी वह भी चली जाएगी। मेहनत की है बच्ची ने, हमें खुशी है।"

दादा कन्हैया लाल कुशवाहा कहते हैं, "वह जितनी तकलीफ पाई है भगवान करें और खुश रहे। बुरे दिन छट गए हैं अब अच्छे दिन आ गए हैं। भगवान उसे तरक्की दे मेरी यही दुआ है।"

माध्यमिक शिक्षा मंडल के हायर सेकेंडरी परीक्षा के परिणामों में इस साल 68.81 % नियमित परीक्षार्थी और 28.70 प्रतिशत स्वाध्यायी परीक्षार्थी उत्तीर्ण रहे। वहीं 64.66 % नियमित छात्र और 73.40 प्रतिशत नियमित छात्राएं परीक्षा में सफल हुईं।

मेरिट में कला संकाय के 19, विज्ञान के 56 , वाणिज्य के 34, कृषि, ललित कला और गृह विज्ञान के 5 परीक्षार्थियों ने इस सूची में अपनी जगह बनाई। हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा में इस साल को 3657 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें रेगुलर 660574 और प्राइवेट के 124282 परीक्षार्थी शामिल हुए

सीधी जिले ने एक बार फिर रीवा संभाग के तमाम जिलों को पटखनी दी है। जिलावार सूची में सीधी ने 15वीं रैंक हासिल की। गवर्नमेंट स्कूल के लिहाज से सीधी जिले का रिजल्ट 76.37, प्राइवेट स्कूल 69.46 रिजल्ट आया। इसके बाद सिंगरौली जिले ने 17वी रैंक हासिल करते हुए यहां की गवर्नमेंट स्कूल का रिजल्ट 75. 96, प्राइवेट स्कूल का रिजल्ट 65.02 फीसदी रिजल्ट आया।

वही बात सतना जिले की जाए तो प्रदेश की जिला वाइज सूची में सतना ने 29वीं रैंक हासिल करते हुए यहां के सरकारी स्कूलों के 71.99 और प्राइवेट स्कूलों के 65.34 फ़ीसदी विद्यार्थी पास हुए। इस सूची में रीवा फिसड्डी साबित हुआ। जिसकी रैंक 47वी आयी।

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