आरएसएस के आरक्षण पर दिए बयान को लेकर राज्य सभा में हंगामा

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आरएसएस के आरक्षण पर दिए बयान को लेकर राज्य सभा में हंगामाGaon Connection

नई दिल्ली (भाषा)। आरक्षण के मुद्दे पर आरएसएस की ओर से दिए गए बयान को लेकर सोमवार को राज्य सभा में जमकर हंगामा हुआ। राज्य सभा में विपक्ष ने आरएसएस के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार आरक्षण को ख़त्म करना चाहती है। हालांकि सदन में सरकार ने साफ़ कर दिया कि वो मौजूदा आरक्षण व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आरक्षण को लेकर सरकार की स्पष्ट नीति है कि इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरक्षण संबंधी जो मौजूदा नीति है, वो बनी रहेगी। वहीं उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि आरएसएस एक निजी संगठन है और उसका मुद्दा सदन में नहीं उठना चाहिए। 

इससे पहले सपा नेता नरेश अग्रवाल ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद यह बयान आया कि क्रीमी लेयर को दिये जाने वाले आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस आरक्षण खत्म करना चाहता है। सरकार को इस मामले में अपना रुख साफ़ करना चाहिए।

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि वो सरकार को याद दिलाना चाहती हैं कि संविधान के प्रावधानों के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक आधार पर आरक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आरएसएस केवल आर्थिक आधार पर आरक्षण दिलवाने की कोशिश कर रही है। जिसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। मायावती ने कहा कि सरकार को आरक्षण संबंधी संविधान के प्रावधानों के बारे में आरएसएस को बताना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी भाजपा सत्ता में आती है आरक्षण को लेकर अलग अलग तरह के बयान आने लगते हैं।

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि आरएसएस का आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि सरकार को कभी ऐसा नहीं होने देना चाहिए।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार पहले ही ये साफ़ कर चुकी है कि आरक्षण व्यवस्था बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि आरक्षण में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।

 

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