धान की नर्सरी लगाने में जुटे किसान 

Update: 2017-06-07 10:10 GMT
धान की नर्सरी लगाते किसान

गाँव कनेक्शन/स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोरखपुर। जिले के विभिन्न ब्लॉकों में किसान इन दिनों की धान की नर्सरी लगाने में जुटे हैं। कृषि विभाग भी धान की नई प्रजातियों के बीज के प्रति किसानों को जागरूक कर रहा है, ताकि अन्नदाताओं को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सके। किसानों में सांभा, बासमती सहित कई हल्के व मुलायम प्रजातियों की मांग अधिक है। यह स्थिति गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में है।

गोरखपुर के जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने कहा "किसान हित देखते हुए धान की विभिन्न प्रजातियों के बीज को उपलब्ध कराया गया है। बीज केंद्र पर किसानों को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसलिए वहां विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों के मोबाइल नंबर अंकित हैं। वहीं किसानों को धान की नई किस्म के बीज के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हासिल हो सके।"

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सरदारनगर ब्लॉक के रामपुर रकबा गाँव निवासी विरेंद्र गुप्ता ( 50 वर्ष) ने बताया,“ धान की नर्सरी पर्याप्त मात्रा में लगा रहा हूं। इंद्रदेव अगर मेहरबान हुए तो घर अनाज से भर जाएगा।” दरअसल धान की रोपाई के लिए पूर्वांचल के किसान करीब एक सप्ताह पूर्व से धान की नर्सरी लगा रहे हैं। जिसके 10 जून तक जारी रहने की उम्मीद है। कृषि विभाग भी कमर कस कर तैयार है। किसानों को आवश्यकतानुसार बोरे के अलावा खुले में बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।

सरदारनगर ब्लॉक के बनसहिया गाँव निवासी माया शंकर दुबे (65 वर्ष) ने बताया, “सांभा प्रजाति की नर्सरी सबसे अधिक लगाया हूं क्योंकि इस प्रजाति का चावल खाने लायक होता है।” फिलहाल कृषि विभाग की ओर से बासमती, सांभा, डीआर-6444, डीआरआर-44, स्वर्णा सगवन, जीकेटी-5204, सरयू-52 आदि प्रजातियों के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसमें सबसे अधिक बासमती और सांभा प्रजाति की मांग किसान अधिक कर रहे हैं। सांभा के स्थान पर डीआरआर-44 नामक प्रजाति के बारे में किसानों को जागरूक किया जा रहा है, यह एकदम नई किस्म की प्रजाति है जो 120 दिन में तैयार होती है। वहीं सांभा 150 दिन में तैयार होती है।

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