लॉकडाउन में देश के किसानों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा रहा है। खासकर फल और सब्जी की खेती करने वाले किसानों का काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन में पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते कई राज्यों में किसान सब्जी मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। जिसके चलते उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं।
राजस्थान के झालावाड़ जिले में रहने वाले किसान बालमुंकुंद डांगी ने अपना करीब 2 ट्राली खीरा थक हारकर एक गोशाला में गायों को खिला दिया।
बालमुंकुंद कहते हैं, “25 मार्च को हमने खीरा तुड़वाया था जो करीब 40 कुंलत था, अगर वो जयपुर मंडी पहुंचता तो कम से कम मुझे 60 हजार रुपए मिलते। लेकिन पुलिस गाड़ियों को आगे जाने नहीं दे रहा है। मजबूरी में मुझे पास की एक गोशाला में खीरा गायों के सामने फेंकना पड़ा।” बालमुकुंद का गांव बाड़ोन,पिड़ावा तहसील में है, जो जयपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर है।
मंडी तक पहुंचने में आ रही दिक्कतों के बारे में पूछने पर बालमुंकुंद कहते हैं, ” हमने सुना है कि सरकार ने कहा है मंडियां खुली रहेंगी, किसान अपना काम कर सकेंगे लेकिन पुलिस का इतना खौफ है कि ट्रांसपोर्टर गाड़ी नहीं चलवा रहे।”
अपनी बात खत्म करते हुए बालमुकुंद मायूसी से भर जाते हैं, वो कहते हैं, “हमने किराये पर ये ग्रीन हाउस लिया है, पैसा कहां से भरेंगे। अब आप देखिए शहर में लोग इतनी महंगी सब्जी खरीद रहे, किसान का लाखों का नुकसान हो रहा। सरकार को चाहिए किसानों के लिए पास जारी वर्ना किसान बहुत घाटे में चला जाएगा।”
ये जरूर पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान जारी रहेंगी ये जरूरी सेवाएं, गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस
ये भी पढ़ें- कोरोना संकटः गरीबों, महिलाओं और मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने दिया 1.70 लाख करोड़ रूपये का राहत पैकेज
भारत में हरी सब्जियों की खेती की हिसाब से सर्दियों के बाद का ये अच्छा समय माना जाता है। आलू, गोभी, तरोई, खीरा, लौकी, भिंडी, तरबूज, टमाटर, शलजम, परवल जैसी सब्जियां बहुतायत से होती हैं। लेकिन इनमें से आलू छोड़कर कोई दूसरी ऐसी फसल नहीं है जिसे ज्यादा दिन तक खेतों में रोका जा सके। देश में फसल सब्जियों के लिए बनाए जाने वाले कोल्ड स्टोरेज की संख्या भी काफी कम है। एक समय के बाद सब्जियां नहीं तोड़ी गईं तो वो पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसीलिए सब्जियों को पैरीसेबल आइटम (खराब हो जाने वाली) की श्रेणी में रखा गया है।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक किसान अपनी सब्जी लेकर मंडी जा रहा था, किसान का आरोप है कि पुलिस ने उसका 1400 रुपए का चालान काट दिया।
उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव उमेश पांडे नाराजगी के साथ कहते हैं, “पिछले तीन दिनों से सैकड़ों किसानों को नाजायज सताया गया है। पहले सब्जी लेकर मंडी तक जाने नहीं देते हैं। कोई इधर उधर से निकला सैकड़ों गालियां देते हैं। 24 तारीख को एक किसान लखनऊ से डाले (छोटी गाड़ी) में सब्जी बेचकर आया रास्ते में उसकी खाली गाड़ी का चालान कर दिया, अब सब्जी मंडी में बेचकर आएगा तो एक तरफ से तो गाड़ी खाली ही रहेगी ना?”
उमेश पांडे फोन पर आगे कहते हैं, आप कह रहे हैं कि जरूरी चीजों की आपूर्ति जारी रहेगी लेकिन जारी कैसे होगी, सब्जी खेत से मंडी और मंडी से ही शहर तक जाएंगी। शहर की बड़ी मंडी से दाल और शक्कर गांव के जाएगी। जैसे तो पूरा क्रम टूट जाएगा। सीतापुर में एक मिश्रिख के पास एक कस्बा है औरंगाबाद वहां किसी के पास आज आटा नहीं है और अधिकारी पास के हदरोई जिले से आटा लाने में परमिशन की बात कर रहे।”
मशरूम के खेत में 5 दिन से नहीं जा पाया किसान
शिवकुमार पांडे ने अपने खैराबाद में बाग किराए पर लेकर मशरूम की खेती कर रहे थे लेकिन वो पिछले कई दिनों से सीतापुर से बाहर नहीं जा पाए हैं। शिवकुमार के मुताबिक 25 मार्च को वो अपने खेत पर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने चालान काट दिया।
शिवकुमार के मुताबिक मशरूम की खेती में सुबह शाम रखवाली करनी पड़ती है लेकिन मैं पांच दिन से खेत नहीं जा पाया हूं। वहां कोई मजदूर भी नहीं है। मैं तो बर्बाद हो जाऊंगा।
संतरा किसान परेशान-“21 दिन में बर्बाद हो जाएगी फसल”
महाराष्ट्र में नागपुर से लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में संतरे की खेती होती है। कई जगह किसान किन्नु भी लगाते हैं। ये संतरे की फसल पकने का टाइम है लेकिन कोरोना संकट के चलते किसान के बाग तक व्यापारी नहीं आ रहे हैं, परेशान किसान राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
किसान पंकज पाटीदार ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्वटीर पर लिखा कि ” मामाजी किसानों के संतरे के बगीचे पूर्ण रूप से पक चुके हैं अगर 21 दिन तक ये फल किसान बेच नहीं पाया तो सारा फल गिर कर खराब हो जाएगा। पौधों की संख्या ज्यादा होने पर किसान स्वयं मंडी में नहीं बेच सकता इसलिए जो लोग बगीचे का फल लेते है उन्हें गांव में आने दिया जाए।”
@OfficeofSSC आदरणीय मामाजी हम सभी लोग डाउन का पूर्णता समर्थन कर रहे हैं लेकिन इस बीच में किसानों का लाखों का नुकसान हो रहा है किसानों की संतरे की फसल पूरी तरह नष्ट हो रही है व्यापारी भी छोड़कर चले गए है अन्यथा किसान के पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा pic.twitter.com/fHHLw9yjyy
— Akhilesh Kalmodiya (@AkhileshKalmod1) March 26, 2020
वहीं एक अन्य किसान ने राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट से अपील की है कि वो संतरा किसानों के लिए कुछ काम करें। “झालावाड़ जिले में किसानों की संतरे की फसल पौधे पर खराब हो रही है। अब संतरे का टूटने का समय आ गया है लेकिन कोरना वायरस के कारण वाहनों ओर मंडियों पर रोक लगाने के कारण संतरे को मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे है इसलिए में किसानों की ओर से हाथ जोड़ कर विनती करता हूं कि मंडी खुलवाएं।’
केंद्र सरकार का आदेश
लॉकडाउन के दौरान देशभर में खाद, बीज और कीटनाशक की दुकानें खुली रहेंगी
किसान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए खेत में काम कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार ने भी फसल कटाई के लिए किसानों के हित मे नई गाइडलाइंस जारी की है।
सब्जियों को जरूरी सामान की सप्लाई में रखा गया है मंडियों पर रोक नहीं है लेकिन कई जगह पुलिस-प्रशासन समस्या बन रहा है।
ये भी पढ़ें- ‘कोरोना वायरस से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी होगी धराशायी’