उमंग और उत्साह के साथ पहले दिन स्कूल पहुंचे बच्चे  

Update: 2017-07-02 14:10 GMT
स्कूल में प्रार्थना करते बच्चे

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

औरैया। शिक्षा सत्र के शुरूआत हुए एक माह का समय बीत गया है, लेकिन पहली जुलाई को जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो हंसते, मुस्कुराते और खिलखिलाते हुए नजर आए। बच्चे अपने नये साथियों के साथ पुरानी बातों को शेयर करते हुए और स्कूल के ग्राउंड में खेलते हुए नजर आए। शिक्षकों ने भी पहले दिन अपने स्कूल की रसोईयों के साथ घर-घर जाकर बच्चों के नामांकन के लिए दस्तक दी।

पहले दिन विद्यालयों में 40 से लेकर 50 प्रतिशत तक बच्चों की उपस्थिति विद्यालयों में दिखाई दी। बच्चे अपने शिक्षकों से नई किताबें मिलने के बारे में पूछते दिखाई दिए। बच्चों ने स्कूल में रखी पुराने साथियों की किताबें देखी, जिसे जो अच्छी लगी उसने वही किताब निकालकर पढ़ना शुरू कर दिया।

कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय खंडेराव की छात्रा शालिनी (12) ने बताया, "पहले दिन स्कूल में बहुत अच्छा लगा। साथियों के साथ मिलकर खूब बातें की और छुट्टियों के दिनों में क्या किसने किया सभी ने अपनी-अपनी बातों को एक दूसरे से शेयर की।"

जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर शहर के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रविन्द्र कुमार ने बताया कि पहले दिन बच्चों को पुरानी पुस्तके दी गई। नामांकन के अपने क्षेत्र के घरों में जाकर अभिभावकों से संपर्क किया।

प्राथमिक विद्यालय खंडेराव की प्रधानाध्यापिका सर्वेश रानी (46 वर्ष) ने बताया कि स्कूल खुलने के बाद वह अपनी रसोइयों के साथ नामांकन के लिए अभिभावकों के घर और नामांकन के लिए प्रेरित किया। अपने क्षेत्र में किसी भी बच्चे को अशिक्षित न हरने का बीडा उठाया है जिसे पूरा करके रहूंगी।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी यादव ने बताया, "जिले के सभी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय विधिवत तरीके से खोले गए। बच्चों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और शिक्षकों ने घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क किया। नामांकन में किसी भी तरीके से कोर कसर नहीं छोड़ी जाएंगी।

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